| 31. | सनातन धर्म धृति इत्यादि दस हैं।
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| 32. | धृति: क्षमा दमो स्तेयं शौचमिन्द्रिय निग्रह:&
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| 33. | जय धृति धरा धरणी माता, धरती पर जीवन बना रहे,
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| 34. | धी धृति स्मृति विभ्रष्ट: कर्मयत् कुरुतऽशुभम्।
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| 35. | धृति क्षमा दमोस्तेयं, शौचं इन्द्रियनिग्रहः ।
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| 36. | मनु महाराज ने मनुस्मृति में लिखा है कि-धृति: क्षमा
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| 37. | दैन्य, धृति और चिन्ता का योग होने से भावशबलता है।
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| 38. | -धृति: क्षमा दमो स्तेयं शौचमिन्द्रिय निग्रह: ।
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| 39. | आगे धृति की क्या इच्छा है?
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| 40. | राजसिक धृति का अर्थ-धन, शक्ति, भोगविलास को पकडे रहना।
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