इसे जानने के लिए सरलतम युक्ति यह है कि किसी अंधेरे कमरे में समतल ध्रुवित प्रकाश की पतली किरण ऊर्ध्वाधर दिशा में चलाई जाए।
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इनका सबसे प्रमुख अंतर ध्रुवित प्रकाश के साथ की क्रिया है, क्योंकि इन समावयवियों का घूर्णन बराबर और विपरीत दिशा में हो सकता है।
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वृत्त ध्रुवित प्रकाश की तीव्रता में टूरमैलीन कुछ भी परिवर्तन नहीं कर सकता, क्योंकि इसके दोनों अवयव कंपनों के आयाम बराबर होते हैं अर्थात् (
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वृत्त ध्रुवित प्रकाश की तीव्रता में टूरमैलीन कुछ भी परिवर्तन नहीं कर सकता, क्योंकि इसके दोनों अवयव कंपनों के आयाम बराबर होते हैं अर्थात् (a = b)।
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ध्रुवित प्रकाश से कुछ ही किस्म के क्रिस्टलों का विश्लेषण किया जा सकता है पर कलावैषम्य से सब प्कार के क्रिस्टलों का अध्ययन किया जा सकता है।
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ध्रुवित प्रकाश से कुछ ही किस्म के क्रिस्टलों का विश्लेषण किया जा सकता है पर कलावैषम्य से सब प्कार के क्रिस्टलों का अध्ययन किया जा सकता है।
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उसमें से दूसरी ओर निकलने पर इन दोनों किरणों में कुछ कलांतर उत्पन्न हो जाता है और दोनों के संयोजन से दीर्घवृत्त ध्रुवित प्रकाश प्राप्त हो जाता है।
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एक ही ध्रुवित प्रकाश के साथ बराबर और विपरीत घूर्णन देते हैं और दूसरे दक्षिणावर्त तथा वामावर्त वृत्तीय ध्रुवित प्रकाश के साथ इनका अवशोषण गुणांक भिन्न होता है।
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एक ही ध्रुवित प्रकाश के साथ बराबर और विपरीत घूर्णन देते हैं और दूसरे दक्षिणावर्त तथा वामावर्त वृत्तीय ध्रुवित प्रकाश के साथ इनका अवशोषण गुणांक भिन्न होता है।
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एक ही ध्रुवित प्रकाश के साथ बराबर और विपरीत घूर्णन देते हैं और दूसरे दक्षिणावर्त तथा वामावर्त वृत्तीय ध्रुवित प्रकाश के साथ इनका अवशोषण गुणांक भिन्न होता है।