तुझे भी तो मैंने ही तैयार किया था ना! और नंदोई सा का तेरी सुहागरात को जो हाल हुआ था, और जो हाल नन्दोई सा ने तेरा किया था, उससे भी कहीं अधिक मजे लेगी शालिनी...
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नन्दोई के यह कहने पर कि उर्मिला पति का फोन उससे बात करने के लिये आया था तथा फिर अयेगा और वे उससे बात करना चाहते हैं वह उनके साथ घर चली गयी क्योंकि उसके घर का फोन कुछ दिन से खराब चल रहा था ;
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नन्दोई के यह कहने पर कि उर्मिला पति का फोन उससे बात करने के लिये आया था तथा फिर अयेगा और वे उससे बात करना चाहते हैं वह उनके साथ घर चली गयी क्योंकि उसके घर का फोन कुछ दिन से खराब चल रहा था ;
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डां. डोमारसिंग मढ़रियाकुछ पल कुछ लम्हें जिन्दगी में ऐसे आते हैं,कि जैसे लगता है सब कुछ थम सा गया है| कहीं कोई हलचल नही और ऐसे पल तब आते है जब हम कोई अपना खो देते हैं|यहां अर्जेन्टीना आने के बाद जिन्होंने मुझे पिता सा प्यार दिया मेरे बड़े नन्दोई
कम-कम करने पर भी शगुन और नेग की तुर्प चाल फैंक उसकी और पापा की हर दलील को हरा देती, बर्तन और बिस्तर तो शगुन के होते हैं, जोड़े के लिये शनील की रजाई और सास-ससुर, जेठ-जेठानी, ननद-नन्दोई के लिये गर्म और ठंडे बिस्तर, दूतई और खेस तो माँ के देहेज़ के रखे थे।
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यह भी अजीब कहानी है उस दिन उर्मिला नन्दोई के घर मे चली गयी थी वहां उसे पता चला कि उसकी ननन्द नहीं थी | वह अपने मायके यानि कि उर्मिला के ससुराल में थी घर में नन्दोई के मित्र थे | उर्मिला वापस अपने मायके आना चाहती थी पर नन्दोई ने उससे सबके लिये चाय बनाने के लिये अनुरोध किया | इसको वह मना नहीं कर पायी क्योंकि घर में चाय बनाने के लिये और कोई नहीं था |
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यह भी अजीब कहानी है उस दिन उर्मिला नन्दोई के घर मे चली गयी थी वहां उसे पता चला कि उसकी ननन्द नहीं थी | वह अपने मायके यानि कि उर्मिला के ससुराल में थी घर में नन्दोई के मित्र थे | उर्मिला वापस अपने मायके आना चाहती थी पर नन्दोई ने उससे सबके लिये चाय बनाने के लिये अनुरोध किया | इसको वह मना नहीं कर पायी क्योंकि घर में चाय बनाने के लिये और कोई नहीं था |
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यह भी अजीब कहानी है उस दिन उर्मिला नन्दोई के घर मे चली गयी थी वहां उसे पता चला कि उसकी ननन्द नहीं थी | वह अपने मायके यानि कि उर्मिला के ससुराल में थी घर में नन्दोई के मित्र थे | उर्मिला वापस अपने मायके आना चाहती थी पर नन्दोई ने उससे सबके लिये चाय बनाने के लिये अनुरोध किया | इसको वह मना नहीं कर पायी क्योंकि घर में चाय बनाने के लिये और कोई नहीं था |
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वह जब चाय बनाने गयी तब नन्दोई तथा उनके मित्रों ने दरवाजा बन्द कर दिया | उसके साथ उन सब ने रात भर जबरदस्ती गलत कार्य किया | वे लोग अगले दिन उसे बेहोशी की हालत में पोस्ट औफिस के पास छोड़ आये | मैने जब इकबाल से पूछा कि उसने यह बात क्यों नहीं अपने पति या कोर्ट मे कही | तब ईकबाल ने कहा कि उसने उर्मिला से यह पूछा था पर उर्मिला ने उसे कोई जवाब नहीं दिया |