| 31. | ' नवान्न के पहले ही नया धान जुठा दिया, देखते नहीं? '
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| 32. | पत्रिका ' नवान्न ' के द्वितीय अंक में प्रकाशित है, मेरी इस कविता को
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| 33. | आश्विन संक्रांति ‘ नवान्न ' अथवा ‘ ग्यारी ' के रूप में मनाई जाती है।
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| 34. | उत्सव मनानेकी पद्धति: इस दिन नवान्न (नए धान्यसे) भोजन बनाते हैं ।
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| 35. | नवान्न के बोरे पर बैठी, सहेजती मेरी पत्नीजी और गेंहूं के दाने परखते...
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| 36. | जिसको साहित्यिक भाषा मे नवान्न कहते हैँ और लोक भाषा मे इसको लवाण कहते हैँ.
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| 37. | बारिश के दो चार छींटे पड़ते न पजड़े नया राइटर्स नवान्न भी जलबंदी कोई द्वीप।
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| 38. | पूजा-कथा, कुमार पूर्णिमा (उड़ीसा), नवान्न पूर्णिमा, डाकोरजी का मेला (गुजरात), कार्तिक-स्नान प्रारंभ आकाशदीप-दान प्रा
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| 39. | निशापूजा की पूड़ी ' नवान्न ' से ही बनती है... घन घमंड गरजत घन घोरा...
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| 40. | इस अवसर को ‘ नवान्न ' कहते हैं यानी यह नया अन्न ग्रहण करने का पर्व है।
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