| 31. | यहाँ यह भी स्मरण रखना चाहिए कि पंचांग के अश्विनी आदि नक्षत्र और मेषादि राशियाँ तो नाक्षत्र (निरयण) ही रहेंगी।
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| 32. | यदि नाक्षत्र पड़ी ठीक है, तो यह ग्रह या तारे के विषुवांश के तुल्य होगा और अंतर घड़ी की अशुद्धि है।
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| 33. | यदि नाक्षत्र पड़ी ठीक है, तो यह ग्रह या तारे के विषुवांश के तुल्य होगा और अंतर घड़ी की अशुद्धि है।
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| 34. | तुम पदों की स्थिति ग्रहों और नाक्षत्र जोड़ सकते हैं मोटे तौर पर 23 डिग्री से प्रत्येक लग्न पश्चिमी करने के लिए अपने.
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| 35. | 2 समय, ग्रह घुमाया 360 ° है और दूर सितारा भूमि के ऊपर फिर से है (1 → 2 = एक नाक्षत्र दिन).
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| 36. | 3. साइडरियल या नाक्षत्र मास-खगोल में हम ग्रहों और उपग्रहों की गतियों की गणना के लिए नक्षत्रों को स्थिर मानते हैं।
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| 37. | किसी एक तारे से उसी तारे तक की चंद्रमा की एक यात्रा में लगने वाले समय को हम साइडरियल या नाक्षत्र मास कहते हैं।
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| 38. | कैमरे से संबद्ध घटीयंत्र दूरदर्शी को ध्रुवीय अक्ष के चारों ओर इस गति से घुमाता है कि उसका एक चक्कर एक नाक्षत्र दिवस (
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| 39. | यद्यपि नाक्षत्र दिन स्थिर है, तथापि यह हमारे व्यवहार के लिए उपयोगी नहीं है, क्योंकि यह दृश्य दिन से 3 मिनट 53 सेकंड कम है।
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| 40. | इस प्रकार यदि हमें किसी प्रकार शुद्ध समय देनेवाली नाक्षत्र घड़ी मिल जाए, ते हमें अपनी माध्य घड़ी के समय को शुद्ध रख सकते हैं।
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