| 31. | विभिन्न बलों जैसे विद्युत चुम्बकीय बल और नाभिकीय बल को धारण करने वाले ये कण सैकड़ों की संख्या में होते हैं.
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| 32. | अंत में उन्होंने पाया कि बहुत छोटी दूरी (10-18 मीटर) पर कमजोर नाभिकीय बल विद्युत चुंबकीय बल के तुल्य होता है।
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| 33. | यह तो हम जानते हैं कि ब्रह्मान्ड में चार ही मूल बल हैं-विद्युतचुम्बकीय बल, दुर्बल नाभिकीय बल, तीव्र नाभिकीय बल तथा गुरुत्वाकर्षण बल।
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| 34. | मजबूत नाभिकीय बल का वाहक ग्लुऑन, कमजोर नाभिकीय बल के वाहक ड्ब्ल्यू एवं ज़ेड बोसॉन एवं विद्युत चुंबकीय बल का वाहक फोटॉन होता है।
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| 35. | मजबूत नाभिकीय बल का वाहक ग्लुऑन, कमजोर नाभिकीय बल के वाहक ड्ब्ल्यू एवं ज़ेड बोसॉन एवं विद्युत चुंबकीय बल का वाहक फोटॉन होता है।
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| 36. | यह तो हम जानते हैं कि ब्रह्मान्ड में चार ही मूल बल हैं-विद्युतचुम्बकीय बल, दुर्बल नाभिकीय बल, तीव्र नाभिकीय बल तथा गुरुत्वाकर्षण बल।
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| 37. | यह तो हम जानते हैं कि ब्रह्मान्ड में चार ही मूल बल हैं-विद्युतचुम्बकीय बल, दुर्बल नाभिकीय बल, तीव्र नाभिकीय बल तथा गुरुत्वाकर्षण बल।
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| 38. | इन चारों बलों को ‘ मजबूत नाभिकीय बल ', ‘ कमजोर नाभिकीय बल ', ‘ विद्युत-चुम्बकीय बल ' एवं ‘ गुरुत्वाकर्षण बल ' कहा जाता है।
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| 39. | इन चारों बलों को ‘ मजबूत नाभिकीय बल ', ‘ कमजोर नाभिकीय बल ', ‘ विद्युत-चुम्बकीय बल ' एवं ‘ गुरुत्वाकर्षण बल ' कहा जाता है।
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| 40. | दूसरी ओर इससे 30 गुणा दूरी (3 × 10-17 मीटर) पर कमजोर नाभिकीय बल की क्षमता विद्युत-चुंबकीय बल का 1 / 10,000 भाग रह जाती है।
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