किसी व्यक्ति की जन्मकुण्डली का विश्लेषण व फलादेश करने वाले ज्योतिषियों द्वारा देशकृत ग्रहों का जो संस्कार किया जाता है, वह भी इस बात का द्योतक है कि किसी स्थान विशेष के वातावरण में उत्पन्न एवं पुष्ट होने वाले प्राणी व पदार्थ उस स्थान पर उस समय विशेष में पडने वाली ग्रह-रश्मियों को अपनी निजी विशेषता के कारण अन्य स्थान व समय पर जन्मे प्राणियों या पदार्थों की तुलना में भिन्न स्वभाव, गुण व आकृतियों के अनुसार आत्मसात करते रहते हैं।