सौभाग्य से हमें सेफिइड (Cepheid) तथा लाइरा (Lyra) वर्ग के तारे उपलब्ध हैं, जिनके निरपेक्ष कांतिमान हम ज्ञात कर सकते हैं।
32.
उदाहरणस्वरूप वर्ग एक के तारों का निरपेक्ष कांतिमान (Absolute magnitude)-5 के क्रम का और वर्ग पाँच के तारों का अ 5 क्रम का होता है।
33.
यदि हम किसी प्रकार तारों के निरपेक्ष कांतिमान को जान सकें, तो हम निरपेक्ष कांतिमान शीर्षक में दिए गए सूत्र की सहायता से उनकी दूरियाँ ज्ञात कर सकते हैं।
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यदि हम किसी प्रकार तारों के निरपेक्ष कांतिमान को जान सकें, तो हम निरपेक्ष कांतिमान शीर्षक में दिए गए सूत्र की सहायता से उनकी दूरियाँ ज्ञात कर सकते हैं।
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यदि हम किसी प्रकार तारों के निरपेक्ष कांतिमान को जान सकें, तो हम निरपेक्ष कांतिमान शीर्षक में दिए गए सूत्र की सहायता से उनकी दूरियाँ ज्ञात कर सकते हैं।
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यदि हम किसी प्रकार तारों के निरपेक्ष कांतिमान को जान सकें, तो हम निरपेक्ष कांतिमान शीर्षक में दिए गए सूत्र की सहायता से उनकी दूरियाँ ज्ञात कर सकते हैं।
37.
महादानावों का निरपेक्ष कांतिमान (चमक)-५ से-१२ मैग्निट्यूड के क्षेत्र में होता है (याद रहे के खगोलीय मैग्निट्यूड की संख्या जितनी कम होती है तारा उतना ही ज़्यादा रोशन होता है)।
38.
महादानावों का निरपेक्ष कांतिमान (चमक)-५ से-१२ मैग्निट्यूड के क्षेत्र में होता है (याद रहे के खगोलीय मैग्निट्यूड की संख्या जितनी कम होती है तारा उतना ही ज़्यादा रोशन होता है)।
39.
इसका अर्थ यह है कि किसी एक तारागुच्छ ताराप्रणाली (आकाशगंगा) में आर आर लाइरा तारे हों, तो वे समान निरपेक्ष कांतिमान के होंगे और यह समान निरपेक्ष कांतिमान लगभग शून्य के तुल्य है।
40.
इसका अर्थ यह है कि किसी एक तारागुच्छ ताराप्रणाली (आकाशगंगा) में आर आर लाइरा तारे हों, तो वे समान निरपेक्ष कांतिमान के होंगे और यह समान निरपेक्ष कांतिमान लगभग शून्य के तुल्य है।