-कंवल प्र काश किशनानी, जिला प्र चार मंत्री, शहर जिला भाजपा अजमेर निवास- 5 99 / 9, राजेन्द्रपुरा, हाथीभाटा, अजमेर फोन-0 145-2627999, मोबाइल-98290-70059 फैक्स-0 145-2622590
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' ब्रह्मज्ञान, गयाश्राद्ध, गोशाला में मृत्यु तथा कुरुक्षेत्र में निवास- ये चारों मुक्ति के साधन हैं-' गया में श्राद्ध करने से ब्रह्महत्या, सुरापान, स्वर्ण की चोरी, गुरुपत्नीगमन और उक्त संसर्ग-जनित सभी महापातक नष्ट हो जाते हैं।
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-मोंगरा के फूल-मितान-उढ़रिया-चन्द्रकला विदेश भ्रमण मारीशस, श्रीलंका संप्रति संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रायपुर, छ.ग. पता-डी-95, गुरुघासीदास कॉलोनी, न्यू राजेन्द्र नगर रायपुर (छत्तीसगढ़) मोबाईल-98271-11018, फोन-0771-2429644, निवास- 4966826 भाग-सोलह रामदास एक सम्पन्न किसान बन रहा था।
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2012 में इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में भाग लेने वाले छात्रों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के इस अध्ययन सामने आया कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए संपन्न पृष्ठभूमि और बड़े शहरों में निवास- ये दो सबसे प्रमुख तत्व हैं।
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कृषिजीवी और पशुपालक मानव पहाड़ी-तलहटी से उतर कर मैदान की ओर बढ़ने लगा, तब उसे वापस अपने निवास- गुफाओं तक लौट कर जाना और पुनः जीवनचर्या के लिए मैदान में आना निरर्थक प्रतीत हुआ, इसीलिए तब आवश्यकता हुई मैदान पर ही अपने निवास रचने-गढ़ने की।
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असीर के लोग अपने निवास- स्थान के हिसाब से तीन गुटों में बांटे गए हैं: ऊँचे पठार के ' सरात ' क़बीले (क्योंकि सरवात पहाड़ों को सरात भी कहा जाता है), तिहामाह क़बीले (तिहामाह लाल सागर के तटवर्ती मैदान का नाम है) और पूर्वी रेगिस्तानी क्षेत्र में बसने वाले बदियाह क़बीले।
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जी. पी,एल.एल.बी[प्रथम] जीवन की पाठशाला में अनेक पीड़ाओं से आनन्द ढूँढ़ने की कला पूज्य पिताजी व एक स्नेहिल मित्र डाक्टर एन के वर्मा [सर्जन] अब इहलोक में नही दोनों पुरस्कार: दोस्तो की गालियां, रिश्तेदारों की जलन व डाह मूल निवास- रूह कुछ टूटे दिलों में, पार्थिव शरीर-आधा दिन गोहाना अस्पताल में, रात-रोहतक शेष वक़्त-सफर में गोहाना से रोहतक व बैक लेखन= भाषा-हिन्दी,पंजाबी,अंग्रेजी,पंजाबी व उर्दू [देवनागरी
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पी, एल.एल.बी[प्रथम]जीवन की पाठशाला में अनेक पीड़ाओं से आनन्द ढूँढ़ने की कला पूज्य पिताजी व एक स्नेहिल मित्र डाक्टर एन के वर्मा [सर्जन] अब इहलोक में नही दोनोंपुरस्कार: दोस्तो की गालियां, रिश्तेदारों की जलन व डाहमूल निवास- रूह कुछ टूटे दिलों में, पार्थिव शरीर-आधा दिन गोहाना अस्पताल में, रात-रोहतकशेष वक़्त-सफर में गोहाना से रोहतक व बैकलेखन= भाषा-हिन्दी,पंजाबी,अंग्रेजी,पंजाबी व उर्दू [देवनागरी लिपि में]प्रकाशित पुस्तकें-३ उपन्यास,३ कहानी
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पी, एल.एल.बी[प्रथम] जीवन की पाठशाला में अनेक पीड़ाओं से आनन्द ढूँढ़ने की कला पूज्य पिताजी व एक स्नेहिल मित्र डाक्टर एन के वर्मा [सर्जन] अब इहलोक में नही दोनों पुरस्कार: दोस्तो की गालियां, रिश्तेदारों की जलन व डाह मूल निवास- रूह कुछ टूटे दिलों में, पार्थिव शरीर-आधा दिन गोहाना अस्पताल में, रात-रोहतक शेष वक़्त-सफर में गोहाना से रोहतक व बैक लेखन-भाषा-हिन्दी,पंजाबी,अंग्रेजी,पंजाबी व उर्दू [देवनागरी लिपि में] प्रकाशित पुस्तकें-३ उपन्यास,३ कहानी सं,४ कविता सं.१ गज़ल सं,१ लघुकथा सं,एक दोहा सतसई,१ लोक कथा सं.
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शिक्षा-डिग्रियां, एम.बी;बी,एस, एफ़.सी.जी.पी,एल.एल.बी[प्रथम] जीवन की पाठशाला में अनेक पीड़ाओं से आनन्द ढ़ूंढने की कला पूज्य पिताजी व एक स्नेहिल मित्र डाक्टर एन के वर्मा [सर्जन] अब इहलोक में नही दोनो पुरस्कार: दोस्तो की गालियां रिश्तेदारों की जलन व डाह मूल निवास- रूह कुछ टूटे दिलों में पार्थिव शरीर-आधा दिन गोहाना अस्पताल में रात-रोहतक शेष वक़्त-सफर में गोहाना से रोहतक लेखन= भाषा-हिन्दी,पंजाबी,अंग्रेजी,पंजाबी व उर्दू [देवनागरी लिपि में] प्रकाशित पुस्तकें-३ उपन्यास,३ कहानी सं,४ कविता सं.१ गज़ल सं,१ लघुकथा सं,एक दोहा सतसई,१ लोक कथा सं.