एक अपील की प्रगति पर नियंत्रण नहीं बल्कि पार्टियों से अदालत में निहित होना चाहिए; अदालत जो पार्टियों का पालन करने की आवश्यकता होगी करने के लिए एक समय सारिणी तय करना चाहिए, और देर से संशोधन और दस्तावेजों की देर ख़ेमे तैयारी की
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को दर्शाते हैं, वे गहराई से परिवारों और समुदायों के भीतर निहित होना चाहिए, क्या सम्मिश्रण परिवेश के बारे में जाना जाता है कि पारंपरिक प्रथाओं पालन बच्चे की समझ के साथ इष्टतम बच्चे के विकास को बढ़ाने का समर्थन और / या एक बच्चे के विकास में कटौती.
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को दर्शाते हैं, वे गहराई से परिवारों और समुदायों के भीतर निहित होना चाहिए, क्या सम्मिश्रण परिवेश के बारे में जाना जाता है कि पारंपरिक प्रथाओं पालन बच्चे की समझ के साथ इष्टतम बच्चे के विकास को बढ़ाने का समर्थन और / या एक बच्चे के विकास में कटौती.
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मैं यह नहीं समझ पाया कि धार्मिक हिन्दुस्तान में सड़क, बिजली और कार की फैक्ट्री कैसे विकास के मापदंड हो गए | यदि हिन्दू की ही बात करें तो इसकी प्रगति तो आध्यात्मिक, सामाजिक, शक्षिक, समतावादी न्याय के मूल्यों में निहित होना चाहिए (यदि इसके
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सचिन के लिए तो यह स्थिति ज्यादा सहज होगी ही उनके फैन्स के लिए भी इसमें एक अलग तरह का रोमांच होगा. </p>< p>लेकिन इस सबके बीच हमें वह बात ध्यान रखनी होगी जो मुख्य चयनकर्ता श्रीकांत ने कही,‘ संन्यास के फैसले का अधिकार खिलाड़ी में ही निहित होना जरूरी है, इसलिए सचिन को इस बारे में स्वतंत्र रखना चाहिए.’
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कहानी, कविता अथवा कथ्य का आवरण जो भी हो, उसके भीतर कुछ-न-कुछ उद्दिष्ट संदेश अवश्य निहित होना चाहिए जिसको सम्मुख रखकर बालक में संघर्षशील जीवन से दो-चार होने की क्षमता विकसित हो ; संसार में आकाश से पाताल तक प्राकृतिक वैभवों, खनिज सम्पदाओं एवं जैविक विविधता का जिस प्रकार अपना महत्त्व, प्रभाव एवं भविष्य है, उसी प्रकार प्राकृतिक अथवा नैसर्गिक रूप से सृजित प्रतिभाओं का भी अपना अलग महत्त्व एवं भविष्य है।
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और महन्त द्वारा मन्दिर की भूमि को अपना निजी भूमि बताया जाना और निजहित में प्रयोग करना सरासर इसका दुरूपयोग है, माननीय न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन देहरादून के द्वारा निर्णित मूल वाद संख्या 56 वर्ष 1976 में पारित निर्णय दिनांक 28.4.2001 में यह उल्लेख है कि महन्त अशोक प्रपन्न शर्मा के अध्विक्ता ने आदेश 10 नियम 2 सी 0 पी 0 सी 0 के अन्तर्गत बयान में यह कथन किया है कि महन्त की हैसियत से उसका अधिकार है और स्वामित्व वादी संख्या 2 ने अर्थात मन्दिर भरत जी में निहित होना स्वीकार किया गया है।