ठीक उसी तरह जैसे, नीच आदमी के सामने हाथ जोड़ने से उसका कोई अर्थ नहीं होता उल्टे इसे वो सामने वाले की कमजोरी मान लेता है।
32.
वह जघन्य काम करने वाला एक नीच आदमी है, जिसने फांसी के फंदे से अपनी गर्दन बचाने के लिए ख़ुद को अंग्रेज़ों के हाथों बेच दिया।
33.
एक कवि किसी सज्जन के पास जाकर बोला, मैं बड़ी विप त्ति में पड़ा हुआ हूं, एक नीच आदमी के मुझ पर कुछ रुपये आते हैं।
34.
कितने ढोंगिये हैं जो ढोंग रच कर पेट पालते फिरते हैं, और साधु बन कर पैसे कमाने के लिए वे काम करते हैं, जिनको नीच से नीच आदमी नहीं कर सकता।
35.
रागिनी पीछे हट गयी और फुफकारते हुये बोली, ” दोबारा हाथ उठाने की गलती मत कर बैठना सुदीप बहुत पछताओगे, सालों जेल में सड़ोगे और अगर बच गये तो तुम्हारे जैसे नीच आदमी को तो…”।
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रागिनी पीछे हट गयी और फुफकारते हुये बोली, “ दोबारा हाथ उठाने की गलती मत कर बैठना सुदीप बहुत पछताओगे, सालों जेल में सड़ोगे और अगर बच गये तो तुम्हारे जैसे नीच आदमी को तो…”।
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रागिनी पीछे हट गयी और फुफकारते हुये बोली, ” दोबारा हाथ उठाने की गलती मत कर बैठना सुदीप बहुत पछताओगे, सालों जेल में सड़ोगे और अगर बच गये तो तुम्हारे जैसे नीच आदमी को तो … ” ।
38.
आज सोचती हूं, सारे समय मुस्कुराती होशियार सी लडक़ी की किस्मत में वही नीच आदमी लिखा था? नियति कहां से ढूंढ कर उसे बांध गई थी शन्नो से सिर्फ तीन महीने के लिये? उसका चेहरा देखा नहीं जाता था।
39.
कविवर रहीम कहते हैं कि नीच आदमी की प्रवृत्ति रहंट की घडि़या की तरह होती है जब पानी भरना होता है तो वह उसके आगे अपना सिर झुकाती है और जब जब भर जाता है तो उससे मूंह मूंह फेर लेती है।
40.
कि अगर कोई गरीब अदमी अपने घर के सामने झाड़ू लगाये तो लोग कहेंगे कि नीच आदमी है झाड़ू नही लगायेगा तो क्या करेगा और अगर कोई अमीर आदमी अपने घर के सामने झाड़ू लगाये तो लोग कहेंगे कि देखिये ऐसे धर्मपुरूष भी पड़े हैं जो अपना काम खुद करते हैं …