| 31. | लिटिल लिटिया गौरैया के बाद पंडुक, फिर पंडुक-पंडुक, और अब लिटिया।
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| 32. | यह पंडुक के बराबर होता है और स्थूलकाय, धूमिल भूरे रंग का पक्षी है।
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| 33. | गौरैया की इतनी चहल-पहल से पंडुक अनमनी होने लगती और कभी पंख भी फड़फड़ाती।
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| 34. | केशव के घर में एक कार्निस के ऊपर एक पंडुक ने अंडे दिए थे।
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| 35. | बिछडना दुखदाई होता ही है फिर वह पंडुक हो या गिलहरी का बच्चा.
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| 36. | लिटिल लिटिया-गौरैया के बाद पंडुक, फिर पंडुक-पंडुक, और अब लिटिया।
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| 37. | केशव ने ज् यों ही कार्निस पर हाथ रखा, दोनों पंडुक उड़ गए।
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| 38. | पंडुक बहुत ख़ुश थे उनके पंखों के रोएँ उतरते हुए जाड़े की हल्की-सी सिहरन में
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| 39. | केशव और उसकी बहन श् यामा दोनों बड़े गौर से पंडुक को वहाँ आते-जाते देखा करते।
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| 40. | माँ पंडुक का प्रसूति / वात्सल्य व्यवहार सभी कुछ कितना ही वस्तुनिष्ठ होकर वर्णित हुआ है....
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