काँच जैसे अमणिभीय ठोस निम्न ताप पर भंगुर बन जाते हैं, किंतु अनेक मणिभीय ठोस, जैसे धातुएँ, परम शून्य ताप के निकट भी प्रचुर मात्रा में तन्यता का प्रदर्शन करते हैं।
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काँच जैसे अमणिभीय ठोस निम्न ताप पर भंगुर बन जाते हैं, किंतु अनेक मणिभीय ठोस, जैसे धातुएँ, परम शून्य ताप के निकट भी प्रचुर मात्रा में तन्यता का प्रदर्शन करते हैं।
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इस विकिरण की शक्ति लगभग 1370 करोड़ वर्षों में बहुत क्षीण हो गई है और इसका तापक्रम मात्र 2. 73 ख (परम शून्य से 2.73 शतांश ऊपर) (270.43 अंश शतांश) है।
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काँच जैसे अमणिभीय ठोस निम्न ताप पर भंगुर बन जाते हैं, किंतु अनेक मणिभीय ठोस, जैसे धातुएँ, परम शून्य ताप के निकट भी प्रचुर मात्रा में तन्यता का प्रदर्शन करते हैं।
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माना जाता है कि ब्रहमांड में किसी भी स्थान पर परम शून्य तापमान संभव नहीं है क्योंकि ऐसे स्थानों भी कुछ ऊर्जा विधमान होती है जहां हजारों-लाखों प्रकाशवर्ष दूर-दूर तक कुछ भी नहीं है.
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परम शून्य के ऊपर के तापमान वाली सभी वस्तुएं उनकी प्रवाहकता गुणा यदि वे कोई काले रंग की वस्तु हों तो उनमें से ऊर्जा के विकिरित होने की दर के बराबर ऊर्जा का विकिरण करती हैं.
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परम शून्य के ऊपर के तापमान वाली सभी वस्तुएं उनकी प्रवाहकता गुणा यदि वे कोई काले रंग की वस्तु हों तो उनमें से ऊर्जा के विकिरित होने की दर के बराबर ऊर्जा का विकिरण करती हैं.
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पूरा रास्ता अँधेरे से एकाकार था. ऊपर आसमान भी गहरा काला था जो ठण्ड में और गाढ़ा हो गया था.बाइक अब ब्रह्माण्ड के सर्द अवकाश में चल रही थी.ठण्ड उसकी आत्मा को परम शून्य ताप में धकेल रही थी.
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पूर्ण ऊर्जा नर नारी की हुई केन्द्रित उर-स्थल में घटित हो गया ध्यान उसी क्षण परम शून्य बस था उस पल में पुरुष-प्रकृति, मिल कर दोनों प्रेम हो गए, बाकी क्या अब मुझमें तू और तुझमें मैं हूँ घटित हुआ अद्वैत यहीं जब......
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जिस दिन आपको परमात्मा में कोई भी अर्थ न दिखाई पड़े ; जिस दिन परमात्मा में कोई प्रतिबिंब न बने, दर्पण बिलकुल कोरा रह जाए ; कोई भी दिखाई न पड़े वहां, परम शून्य रह जाए-उस दिन आप जानना कि जो आपने जाना वह अब सत्य है।