तो भगवान विष्णु ने आधा नर और आधा पशु रूप में अवतार लेकर संध्याकाल में उसके महल की दहलीज पर उसका वध अपने तीक्ष्ण नखों द्वारा किया था।
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इसी बात की पुष्टि करते हुए गांधी हरिजन के एक अंक में लिखते हैं ‘‘ पशु रूप में मनुष्य हिंसक है, पर आत्मा रूप में वह अहिंसक है।
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कुछ विद्वानों का मत है कि यह बैल मूल रूप से शिव का ही पशु रूप था, लेकिन कुषाण काल (पहली शताब्दी) के बाद उसे इस भगवान का गण माना जाने लगा।
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उदाहरणार्थ-यदि कहा जाये कि ‘ घनश्याम गधा है ' तो इसमें पशु रूप गधा के मुख्यार्थ में बाधा है, क्योंकि घनश्याम गधे के समान चार पैर वाली आकृति वाला नहीं है।
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पशु रूप में विचरता मानव समाज को बनाने लगा, हर बिखरे अंग को सँवारने लगा, और हर कदम हम मानव का बनाता रहा पशु रूप मानव से आज का मानव, आदि-मानव से आधुनिक मानव।
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पशु रूप में विचरता मानव समाज को बनाने लगा, हर बिखरे अंग को सँवारने लगा, और हर कदम हम मानव का बनाता रहा पशु रूप मानव से आज का मानव, आदि-मानव से आधुनिक मानव।
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महान कोलाहल के बीच, जब चकित और विम्भ्रान्त हो कर दैत्य चारों ओर दृष्टि डालने लगा तब, स्तम्भ में से आपका स्वरूप न तो पशु रूप में, न ही मनुष्य रूप में, प्रकट हो गया।
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क्या गिलासें क्या सुराहियां साकी के कटाक्ष महफिलें हर दिन और अब तो रेव पार्टियां देश भर में जकड़कर युवा को करके कमजोर संकल्प जीने का बांध लेती माया अपने पाश में पशु रूप देकर।
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वीरता से किये गये कामो के लिये हम पशु रूप की संज्ञा शेर की उपाधि प्राप्त करते है और चुपचाप प्रताणना को सहन करने के कारण भी हम पशु रूप की संज्ञा गधे से सुसज्जित किये जाते है।
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वीरता से किये गये कामो के लिये हम पशु रूप की संज्ञा शेर की उपाधि प्राप्त करते है और चुपचाप प्रताणना को सहन करने के कारण भी हम पशु रूप की संज्ञा गधे से सुसज्जित किये जाते है।