मैं एक बहुत ही संक्षिप्त थॉम है होगन साइट पर इस एक कुछ महीने पहले पुस्तक के संदर्भ पढ़ा है, का टुकड़ा पता है कि वह मेरी रुचि भी खफा चर्चा की और मैं जल्दी से बाहर खोज और एक किताब से प्रिंट की एक बाहर (2000) $ 30 के लिए मुलायम बाध्य कॉपी मिल गया अटलांटा में व्यापारी.
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उन्होंने कहा कि अब से 20-25 साल पहले पुस्तक पूर्ण कर लेना ही बड़ी बात होती थी तब विमोचन या लोकार्पण जैसे समारोह यदा-कदा ही होते थे, आज श्री यादव की पुस्तक का लोकार्पण समारोह इस बात का प्रतीक है कि टीवी व इण्टरनेट के युग में भी हिन्दी साहित्य को एक बार फिर से सम्मान और समाज की स्वीकार्यता मिल रही है।