| 31. | विमलेश त्रिपाठी की लम्बी कविता-एक पागल आदमी की चिट्ठी
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| 32. | अब सम्राट तो घबडाया. सोचा कि ये पागल आदमी दिखता है.
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| 33. | एक पागल आदमी कुए के अन्दर झांककर चिल्लाता रहता है, “पच्चीस …..
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| 34. | मीडिया को पागल आदमी के कारनामों को भी दिखाना चाहिए था.
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| 35. | पागल आदमी ही खुद को ईश् वर का बेटा कह सकता है।
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| 36. | एक पागल आदमी कुएं के अन्दर झांककर चिल्लाता रहता है, ”पच्चीस …..
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| 37. | एक पागल आदमी कुए के अन्दर झांककर चिल्लाता रहता है, ”पच्चीस …..
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| 38. | पागल आदमी कहीं भी सो सकता है कुछ भी पहिन सकता है।
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| 39. | विमलेश त्रिपाठी की लम् बी कविता-एक पागल आदमी की चिट्ठी
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| 40. | डॉक्टर श्मिड का कहना है, “ ये किसी पागल आदमी की कल्पना नहीं है.
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