शरीर के बाहरी अंगों से सम्बन्धित लक्षण:-रोगी के बायें कूल्हे से नीचे तक लंगड़ापन, चलने से अधिक होती है, पैर तथा तलुवे ठण्डे पड़ जाते हैं और सुन्न हो जाते हैं, हाथों तथा भुजाओं में कंपन होती है, पैरों में ऐंठन होती है तथा इस ऐंठन का असर उंगलियों तथा टांगों के एक ओर तक होती है जिसके कारण पिण्डली भी रोग ग्रस्त हो जाती है।