योजना के अंतर्गत पंजीवध्द श्रमिकों की पत्नी अथवा पंजीवध्द महिला श्रमिक को प्रसूति सहायता योजना के तहत 6 सप्ताह की मजदूरी के बरावर राशि, पितृत्व अवकाश के रूप में 15 दिन की मजदूरी के समतुल्य राशि और प्रसूति व्यय के रूप में एक हजार रूपये दिए जांयेगे ।
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साथ ही महिला खेतिहर श्रमिक को प्रसूति व्यय एवं डेढ़ माह की मजदूरी सहित अवकाश, श्रमिक पति को दो सप्ताह का पितृत्व अवकाश एवं मजदूरी का भुगतान, विवाह एवं चिकित्सा सहायता, मृत्यु के बाद अंत्येष्टि के लिए सहायता, बीमा सहायता आदि देने का प्रावधान भी इस योजना में है ।
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किसी राज्य ने शिक्षकों की सेवा-निवृत्ति की आयु 65 वर्ष नहीं स्वीकार की तो किसी राज्य ने शिक्षकों के महंगाई भत्ते में अपने राज्य की माली हालत के मद्देनजर कटौती कर दी, किसी ने महिलाओं के लिये शिशु पालन अवकाश, पितृत्व अवकाश और मातृत्व अवकाश पर अपना रुख अभी तक स्पष्ट नहीं किया है ।
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इस अवसर पर ग्रामीणों को बताया गया कि अब खेतिहर मजदूरों के परिवार को प्रसूति व्यय, छह सप्ताह की मजदूरी का भुगतान, पितृत्व अवकाश के तहत दो सप्ताह की मजदूरी का भुगतान, कक्षा एक से लेकर स्नातकोत्तर तक के सभी पाठच्यक्रमों में छात्रवृत्ति, कक्षा पांच तथा उससे आगे तक प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार आदि योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
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लेकिन शेष जिम्मेदारी भी सिर्फ वही निभायेंगी ऐसा हमारी सरकार ने क्यों मान लिया? किसी भी बच्चे का पिता उसे खाना खिलाना, ऊपर का दूध पिलाना, साफ-सफाई करना या बीमारी में देखभाल, पढ़ाई या इम्तेहान की जिम्मेदारी क्या नहीं निभा सकता? यह सब पूरा करने के लिये पितृत्व अवकाश क्यों नहीं बढ़ाया जाना चाहिये जो अभी केवल 15 दिन का है?
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राज्य सरकार ने इन श्रमिकों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के तहत महिला खेतिहर श्रमिकों को प्रसूति व्यय एवं डेढ़ माह की मजदूरी सहित अवकाश, श्रमिक पति को दो सप्ताह का पितृत्व अवकाश एवं मजदूरी का भुगतान, श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति, विवाह सहायता, चिकित्सा सहायता, मृत्यु के बाद अंत्येष्टि के लिए सहायता राशि, बीमा सहायता आदि देने की व्यवस्था की है।
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सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ काफी लम्बे समय से अपनी सम्बेधानिक मांगों को सरकार के समक्ष उठाता आया है I विदित है कि अनुबंध कर्मियों की मुख्य मांगों में कमिसन तथा बैच से रिक्त पदों पर भर्ती अनुबंध कर्मियों को बरीयता नियुक्ति की तिथि से प्रदान करना, पंजाब की तर्ज पर तिन वर्ष में नियमितीकरण तथा सबके लिए समान, स्थाई तथा ठोश निति का निर्धारण करना जिसमें अनुबंध कर्मियों को चिकित्षा अवकाश, चिकित्षा भत्ता, महंगाई भत्ता, मातृत्व अवकाश तथा पितृत्व अवकाश आदि मूलभूत सुविधाएँ पहले दिन से शामिल हों I