जिस प्रकार हीरे की खदानों में होता है काफी हद तक उसी प्रकार, कसाईखानों में अवशिष्ट विभाग भी बहुत सावधानीपूर्वक कर्मियों की तलाशी लेता है कि कहीं वे पित्त पथरी चुराकर न ले जायें.
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13 वर्षीय ब्रिजेष (पित्त पथरी का मरीज़) के पिता शरेशवाल ने बताया, ” नई तकनीक और सुविधाओं के साथ आर जी स्टोन के डॉक्टरों और सहायक कर्मचारियों से मैं काफी प्रभावित हुँ।
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पित्त पथरी में होम्योपैथिक दवा बहुत असर करती है, जैसे कैल्केरिया कार्ब, 30, 200, बर्बेरस वल्गेरिस, मदर टिंचर, कोलेस्टरीन 30, 200, कोलोसिंध 30, नक्सवोमिका 30 ।
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यदि पित्त पथरी से ग्रस्त एक मरीज़ के लिए पित्ताशय को निकलवाना आवश्यक हो जाता है तो शल्य चिकित्सक ऐसा करने का निर्णय ले सकता है और शल्य क्रिया के दौरान एक कोलैंजियोग्राम कर सकता है.
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पित्ताषय की थैली, पित्त पथरी को समाप्त कर सकती है, लेकिन इस इलाज में कुछ महीने से कुछ साल भी लग सकते है और छोटे बच्चों में पित्त पथरी अपने आप ही घुल जाती है।
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पित्ताषय की थैली, पित्त पथरी को समाप्त कर सकती है, लेकिन इस इलाज में कुछ महीने से कुछ साल भी लग सकते है और छोटे बच्चों में पित्त पथरी अपने आप ही घुल जाती है।
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हालांकि, कई औषधियों, हार्मोनों, अल्कोहल, रासायनिक पदार्थों की ज्ञात पोर्फाइरीन संबंधी लघुता और पोर्फाइरीनता का स्व-प्रतिरक्षी विकारों एवं पित्त पथरी के साथ सहयोग रक्त संबंधी विकारों के रोग निदान को नहीं छोड़ते हैं जब इन व्याख्याओं का उपयोग किया जाता है.
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आमतौर पर जिन बच्चों में पित्त पथरी विकसित हुई है, उनमें इसके गठन का कोई विषेष कारण या कोई अंतर्निहित हालत जिम्मेदार नही पाई गई हैः तथापि, कई कारक इस आयु वर्ग में इसके खतरें का कारण बन जातें है।
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मोटे बच्चों में पित्त पथरी का खतरा ज़्यादा होता है क्योंकि एैसे मामलों में जिगर कोलेस्ट्रौल का ज़्यादा उत्पादन करता है, जो की पित्त को सौप दिया जाता है जिससे वह पूरी तरह से भर जाता है और पथरी बनती है।
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पित्त पथरी, पित्त की राह में किसी प्रकार का बाहरी या आन्तरिक दबाव, पित्त नली में कृमि का प्रवेश, पित्त नली का किसी कारण से सुकड़ जाना, डिस्पेप्सिया अर्थात् मन्दाग्नि या अपच या बदहजमी, पित्त नली में किसी कारण से सूजन।