यहाँ पर मैं एक तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा कि १८४३ के यूरोप में अफ़ीम क़ानूनी तौर पर एक पीड़ानाशक के रूप में प्राप्य और लोकप्रिय थी...इसलिये इस सन्दर्भ में अफ़ीम का अर्थ “पीड़ानाशक” ज़्यादः उपयुक्त लगता है..रही बात मार्क्स की शेष बातों की..
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जय एकलिंगजी सर्वग्रह पीड़ानाशक विधान प्रथम कोई शुभ दिन देख कर निचे दिए गए मंत्र के १०००० जप करले-यह जप के बाद ये मंत्र आपसे सिद्ध हो जायेगा-यह प्रयोग मुझे एक योगी महात्मा से प्राप्त हुवा था और यह अनुभूत भी हे-मेरी यही कामना हे की आप गुरु कृपा से अवश्य सफल होंगे मंत्र: ॐ नमो भास्कराय अस्माकं सर्व-ग्रहणं।