7: 45 पर त्रिवेणी में शुक्रवार को पुराना अंक प्रसारित हुआ जिसमें जीवन में हर स्तर पर मिलावट की बात कही गई, क्या ही अच्छा होता अगर इस दिन त्रिवेणी बच्चों के नाम होती।
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आपही के तरह हम भी जब कभी परेसान होते हैं त लफ्ज़ का पुराना अंक सब निकालकर पढने लगते हैं अऊर अगर नेट पर हुए त कबिता कोश खोलकर बईठ जाते हैं...
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7: 45 पर त्रिवेणी में शुक्रवार को पुराना अंक प्रसारित हुआ जिसमें जीवन में हर स्तर पर मिलावट की बात कही गई, क्या ही अच्छा होता अगर इस दिन त्रिवेणी बच्चों के नाम होती।
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जब हम यूनिवर्सिटी में पढ़ा करते थे, उन दिनों हमारी एक सहेली के हाथ लगी थी यह पत्रिका, पुराना अंक ही था जिसमे रेडियो सिलोन के बारे में कुछ लेख थे और बीते समय की जानीमानी उदघोषिका विजयलक्ष्मी जी का शायद साक्षात्कार छपा था.