चातुर्मास शुरू होने से पहले मै सोचती थी कि जैन जति जी मेरे घर से दूर है, प्रतिदिन गुरुदेव के दर्शन कैसे होंगे, परन्तु आपके आशीर्वाद से शिविर के दौरान मुझे एक दिन में दो बार भी आपके दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ! प्राय: प्रतिदिन नंगे पाँव आपके दर्शनार्थ पैदल आना और दोपहर को लगभग बारह बजे घर वापस जाना! इसी तरह सायं 5.30 p.m पर जति जी पहुंचना और रात्रि में दस बजे तक घर जाना!