परिपक्वन के समय, टाइप 3 कोलेजन, जो प्रफलन के समय प्रमुखता लेती है, धीरे-धीरे अवक्रमित होने लगती है और उसके स्थान पर अधिक मजबूत टाइप 1 कोलेजन बिछाई जाती है.
32.
ये कारक मरम्मत की प्रफलन अवस्था में भाग लेने वाली कोशिकाओं को उस क्षेत्र की ओर आकर्षित करते हैं, हालांकि संकुचित अवस्था में वे उन पर अंकुश लगा सकते हैं.
33.
घाव होने के दो या तीन दिनों बाद, तंतुकोशिकाएं घाव-स्थल में प्रवेश करने लगती हैं, जिससे शोथकारी अवस्था के समाप्त होने के पहले ही प्रफलन अवस्था शुरू हो जाती है.
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घाव होने के दो या तीन दिनों बाद, तंतुकोशिकाएं घाव-स्थल में प्रवेश करने लगती हैं, जिससे शोथकारी अवस्था के समाप्त होने के पहले ही प्रफलन अवस्था शुरू हो जाती है.
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[14] परिपक्वन के समय, टाइप 3 कोलेजन, जो प्रफलन के समय प्रमुखता लेती है, धीरे-धीरे अवक्रमित होने लगती है और उसके स्थान पर अधिक मजबूत टाइप 1 कोलेजन बिछाई जाती है.
36.
प्रवासशील केरेटिनकोशिकाओं के पीछे प्रफलन सामान्यतः जख्मी होने के कुछ दिनों बाद शुरू होता है, और सामान्य ऊतकों के मुकाबले उसकी दर उपर्त्वचीकरण की इस अवस्था में 17 गुना अधिक होती है.
37.
शोथकारी अवस्था में, जीवाणुओं और अवशेषों का भक्षक कोशिकाओं द्वारा भक्षण कर लिया जाता है, तथा ऐसे कारक मुक्त होते हैं जो प्रफलन अवस्था में लगी कोशिकाओं का प्रवास और विभाजन करवाते हैं.
38.
चोट लगने के बाद के पहले दो या तीन दिनों में, तंतुकोशिकाएं मुख्यतया प्रवास व प्रफलन करती हैं, जबकि बाद में, वे घाव स्थल में कोलेजन आधात्रि बनाने वाली मुख्य कोशिकाएं होती हैं.
39.
चोट लगने के बाद के पहले दो या तीन दिनों में, तंतुकोशिकाएं मुख्यतया प्रवास व प्रफलन करती हैं, जबकि बाद में, वे घाव स्थल में कोलेजन आधात्रि बनाने वाली मुख्य कोशिकाएं होती हैं.
40.
शोथकारी अवस्था में, जीवाणुओं और अवशेषों का भक्षक कोशिकाओं द्वारा भक्षण कर लिया जाता है, तथा ऐसे कारक मुक्त होते हैं जो प्रफलन अवस्था में लगी कोशिकाओं का प्रवास और विभाजन करवाते हैं.