इस कार्यक्रम को रोज़ सुनने वालों में से एक मैं भी हूँ, सोच कर हैरान होती हूँ कि क्या “दरियादिली” दिखाने के लिए दिल्लीवालों को 'रेडियो पर उनका नाम आने' का प्रलोभन देना ज़रूरी है?...
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आयोग के अनुसार चुनावों के दौरान मतदाताओं को धन व अन्य वस्तुओं का प्रलोभन देना कानूनन दंडनीय होगा तथा इसके विषय में सभी राज्यों के राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय राजनैतिक पार्टियों को सूचित कर दिया गया है।
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राजनीतिक दलों की ओर से जिस तरह के घोषणापत्र सामने आ रहे हैं उन्हें देखते हुए अब यह आवश्यक हो चुका है कि चुनाव आयोग उन पर इस दृष्टि से विचार करे कि उनका एकमात्र उद्देश्य मतदाताओं को प्रलोभन देना होता है।
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जब जात और तिलकडंडो से भी काम नहीं बना और आँधी बहुत नजदीक आ गई तो पप्पू ने प्रलोभन देना शुरू किया देवी माँ को खुश करने के लिए, ‘‘मइया लोंग को जोड़ा चिंडाऊँगौ….दो रुपया कौ परसाद चिंडाऊँगौ….पाँच रुपिया कौ परसाद…ग्यारह रुपिया को…..इक्कीस रुपिया…..!
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सरकारी योजनाओं में लाभार्थी से धन-उगाही, अपात्रों द्वारा लाभ अर्जित करने हेतु लोकसेवकों को प्रलोभन देना, दबंगों की मदद से असहायों की भूमि पर कब्जा, सार्वजनिक सम्पत्ति पर कब्जा, कमीशनखोरी, घटिया निर्माण, शिक्षा-स्वास्थ्य-ग्राम्य विकास जैसे महकमों में व्याप्त अनाचार जनता के साथ साथ देश को भी रसातल में ले जा रहें हैं।
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हम सब घरके जात करवे आयेंगे …. आजई तिलकडंडो दऊँगौ …! ' जब जात और तिलकडंडो से भी काम नहीं बना और आँधी बहुत नजदीक आ गई तो पप्पू ने प्रलोभन देना शुरू किया देवी माँ को खुश करने के लिए, ‘‘ मइया लोंग को जोड़ा चिंडाऊँगौ …. दो रुपया कौ परसाद चिंडाऊँगौ ….
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परन्तु चुनाव जीतने के लिए जिस प्रकार से यहां पर भाजपा अपने विधायक को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस सहित मुख्यमंत्री पर सीधे खरीद फरोख्त का आरोप लगा रही है वहीं सितारगंज के बहुसंख्यक मतदाताओं को भूमिधरी का पट्टा चुनाव अधिसूचना के ठीक एक पखवाडे पहले ही नवाजना क्या मतदाताओं को सीधा प्रलोभन देना ही मान कर इसका प्रदेश के अधिकांश राजनैतिक दल, बुद्धिजीवी, आंदोलनकारी संगठन कर रहे हैं?
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जब आँधी बहुत नजदीक आ गई और कुछ होता नहीं दिखा तो पप्पू ने जोर-जोर से प्रार्थना करना शुरू कर दिया, 'देवी मइया, आँधी रोक दै….तेरी जात करूँगौै… रोजीना तेरी जात करूँगौ….हम सब घरके जात करवे आयेंगे…. आजई तिलकडंडो दऊँगौ…!' जब जात और तिलकडंडो से भी काम नहीं बना और आँधी बहुत नजदीक आ गई तो पप्पू ने प्रलोभन देना शुरू किया देवी माँ को खुश करने के लिए, “मइया लोंग को जोड़ा चिंडाऊँगौ….दो रुपया कौ परसाद चिंडाऊँगौ….पाँच रुपिया कौ परसाद…ग्यारह रुपिया को…..इक्कीस रुपिया…..! आँधी सिर पे आ चुकी थी।