प्रागैतिहासिक मानव की जीवनचर्या को प्रदर्शित करने वाले ये शैलचित्र, जिन्हें हम आदिम चित्रलिपि के चिह्न भी मान सकते हैं, अधिकतर लाल, हरे और सफ़ेद रंगों से बने हैं।
32.
प्राचीन दक्षिण कोसल अर्थात् वर्तमान छत्तीसगढ़ व उससे संलग्न क्षेत्र के गौरवपूर्ण इतिहास का प्रथम चरण है-प्रागैतिहासिक मानव संस्कृति के रोचक पाषाण खांड, जो वस्तुतः तत्कालीन जीवन-चर्या के महत्वपूर्ण उपकरण थे।
33.
इस खोज से उस प्राचीनतम साक्ष्य को ही बल मिलता है जिसके मुताबिक प्रागैतिहासिक मानव अनाज से आटा बनाते थे और संभवतः वे निएंडरथल ही थे जो अपने आहार के लिए सब्जी-भाजी उगाते थे।
34.
कैप्टन के मुताबिक इस यात्रा के दौरान जब वो बर्फीली ढलान पर फिसल कर घायल हो गये थे तब प्रागैतिहासिक मानव जैसे दिखने वाले एक 9 फीट लंबे प्राणी ने उसे मौत के मुंह से बचाया था।
35.
बहुत से उत्तराखंडी लोग भी यही मानते हैं कि उनके पूर्वज कहीं और से आकर उत्तराखंड में बस गए, लेकिन पुरातात्विक साक्ष्य इस बात को झुठलाते ही नहींबल्कि सिद्ध करते हैं कि उत्तराखंड में प्रागैतिहासिक मानव का अस्तित्व था।
36.
अन्य Tassili नेशनल पार्क पर्यटकों के आकर्षण Illizi और Amenas में शामिल हैं, लेकिन वे के रूप में प्रागैतिहासिक मानव पूरी तरह से संरक्षित कहानियों के साथ Tassili अपनी अद्भुत रॉक कला कारण n ' Ajjer के रूप में प्रसिद्ध नहीं हैं.
37.
भोपाल के आसपास शैलाश्रय एवं प्रागैतिहासिक मानव सभ्यता के सबूत बड़ी तादाद में पाये गये है इन्हें गोंदरमऊ, बिलखिरिया, केरवाडेम, मनुआभान की टेकरी, एम. ए.स ी. टी. पहाड़ी, धरमपुरी, जामुनखोह, फिरंगी आदि में देखा जा सकता है।
38.
चित्रकला की ही बात करें तो प्रागैतिहासिक मानव द्वारा बनाये गये गुफाा चित्रों में आदि मानव का समूह में शिकार करने का दृष्य हो अथवा ब्रम्हांड के बारे में मिश्र की प्राचीन धारणाओं पर निर्मित तत्कालीन चित्र इनमें मानव मन में बसी भावनाओं का ही निरूपण प्रतीत होता है ।
39.
कला के अन्य नमूनेः उत्खनन या खुदाई से प्राप्त अन्य कला सामिग्री जैसै मिट्टी तथा पत्थर की बनी विभिन्न प्रकार की मूर्तियां, हड्डियाँ तथा औजारों पर उत्कीर्णित या अंकित चित्रकारी और चिन्हों का अध्ययन कर पुरातत्वविदों ने प्रागैतिहासिक मानव के आर्थिक जीवन की विशेषताओं का भी अनुमान लगाया है।
40.
श्रम औजार बनाने के साथ आरंभ होता है हमें जो प्राचीनतम औजार-वे औजार जिन्हें प्रागैतिहासिक मानव की दाय वस्तुओं के आधार पर तथा इतिहास में ज्ञात प्राचीनतम जनगण एवं आज की जांगल से जांगल जातियों की जीवन पद्धति के आधार पर हम प्राचीनतम कह सकते हैं-मिले हैं, वे क्या हैं?