वास्तव में आपने सही प्रश्न उठाया कि विकास के नाम पर जो हमें मिल रहा है क्या इसी की तमन्ना देश की आजादी में प्राणाहुति देने वाले वीरों ने की होगी, जवाब न ही होगा।
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नमन सीमा की आन-बाण और शान के लिए जो, आत्माहुति दे गए, उन, अमर शहीदों को शत-शत नमन जो, कर्तव्य की पूर्णता के लिए प्राणाहुति दे गए उन, दिव्यात्माओं को कोटिश: नमन | विद्या शर्मा..
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यज्ञ-स्थान पर देवी सती ने अपने पिता से शिव जी को आमंत्रित न करने का कारण पूछा तो पिता का शिव के लिए उग्रविरोध और भगवान शंकर के लिए अपशब्द का भाव सुन देवी अपमान से पीडि़त हुई और यज्ञ-कुंड की अग्नि मंे कूदकर अपनी प्राणाहुति दे दी।