“पूरी दुनिया में जिज्ञासा आधारित विषयों पर शोध को आगे बढाने की एक प्रवृत्ति देखी गयी है जिसका सीधा फायदा होता है कि देश में प्रतिव्यक्ति आय की वृद्धि होती है…इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि मूलभूत विषयों पर शोध को अव्यावहारिक न समझा जाए, क्योंकि यह उन यह मानकों के परिरक्षण करता है जिनके बिना प्रायोगिक विज्ञान का भी जीवन असंभव है।”
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“पूरी दुनिया में जिज्ञासा आधारित विषयों पर शोध को आगे बढाने की एक प्रवृत्ति देखी गयी है जिसका सीधा फायदा होता है कि देश में प्रतिव्यक्ति आय की वृद्धि होती है…इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि मूलभूत विषयों पर शोध को अव्यावहारिक न समझा जाए, क्योंकि यह उन यह मानकों के परिरक्षण करता है जिनके बिना प्रायोगिक विज्ञान का भी जीवन असंभव है।
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हाँ, विध्वंसक प्रायोगिक विज्ञान से जुड़े तथ्यों को दोनों अंजुलियों ढूँढ़ा-खोजा भी गया और आदमीयत से आँखें चुराते हुए उन्हें गिने-चुने दरिन्दों को ‘ उचित ' दामों पर बेचा भी गया! पहली बार जब विस्तार से यह सुना कि एक बड़े राजनेता ने अपने एक चहेते प्रशासकीय अधिकारी के नातेदार उड्डयन कर्मचारी के हाथों कैसे चार हजार करोड़ की रकम विदेश पहुँचाई तो भरोसा नहीं हुआ था।