| 31. | पत्नी में प्रेयसि बनना गुण है शीला! मधु की कामशास्त्र की जानकारी पूर्ण थी।
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| 32. | इससे पहले दामिनी, नभ से दे उलाहने प्रीत बन चले आओ, प्रेयसि बुलाती है Marmik pukar hai.
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| 33. | किस प्रेयसि पर तुम अपनी मुक्तावलि वारा करते? करते हो अमिट प्रतीक्षा, तुम कभी न विचलित होते।
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| 34. | प्रेयसि वियोग! हर परम्परा के ढोने का श्रेय मुझे मिला हर सूत्रपात का श्रेय ले गये ‘और लोग'।
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| 35. | इस आशा के साथ, कि समझें भाषा प्रेमालाप की! प्रेयसि पहली बारलिख रहा,चिट्ठी तुमको प्यार की!
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| 36. | प्रेयसि शब्द प्यार झलकाता है, आप जब किसी को प्यार करते हैं तो स्वयम अपने आप से प्यार करते हैं।
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| 37. | नीरज जी अशोक वाजपेयी को समझा रहे हैं-' कुंवर बेचैन ने मल्लिका को प्रेयसि कहा, ये ठीक नहीं है.
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| 38. | हरिनी भी इस पूरी कविता में सिर्फ माँ और प्रेयसि ही नहीं, बल्कि उससे कहीं अधिक लोक अर्थात जन की प्रतीक है।
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| 39. | लज्जारुण मुख, बैठी सम्मुख, प्रेयसि कंपित कर से उत्सुक भर ज्वाला रस, हाला हँस हँस उमर पिलाए, ह्र्दय हो अक्श!
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| 40. | एक ऐसी काव्यभूमि है जहां प्रकृति सिर्फ नई ही नहीं होती है बल्कि कुछ और भी बन जाती है, एक जीती जागती और प्रेयसि जैसी प्रिय स्त्री।
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