जिस जगह को देखने के साथ ही यह अन्दाज हो जाता था कि अब मुंशी प्रेमचन्द की ज़मीन हमसे कितने फ़र्लांग दूर हैं? आज उसकी जगह पर फ्लाईओवर के ‘ हाथीपाँव ' मौजूद हैं।
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तब मोबाइल फ़ोन नही थे वरना पटवारी भी आधा फ़र्लांग जाने की तक ज़हमत न उठाता, जाना पड़ा बेचारे को पाजामा सम्हाला तेज़ कदमों से बुलावे के लिये रवाना हुआ क्या आवाज़ थी कोटवार की.
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एक व्यक्ति लगभग एक फ़र्लांग बहकर एक वृक्ष की डाली से अटक कर बच गया था और रुकरुककर वहां अपना हाथ हिला हिलाकर सहायता की याचना कर रहा था परंतु जब सभी आरत थे तो रक्षक कौन बनता?
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सवेरे सवेरे, शिवाले की परिक्रमा करके, सिंह् पौर पर माथा टिका कर, फ़र्लांग भर चलकर, गंदा नाला पार कर, घर आने के लिये जैसे ही दायीं ओर घूमा-नाले की दीवार मे लगी ईंट बिलख पड़ी।
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लगता है जैसे फ़र्लांग भर की दूरी पर हैं. पंकज भाई के कम से कम आठ शोज़ एंकर कर चुका हूं..एमने पण मारो नमस्कार केजो.नासिर भाई का वास्ता भी हमारे मालवा का ही है क्योंकि सज्जाद साहब सीतामऊ रियासत में मुलाज़िम थे.सीतामऊ रतलाम से तक़रीबन डेढ़ सौ कि.मी.दूर है..
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लेकिन ज़्यादातर लोगों को यह पता नहीं होगा कि दुमका बस स्टेंड से पोखरा चौंक जाने वाली सड़क पर कुछ दूर चलने पर बाईं जानिब एक दुर्गा स्थान है और वहाँ से कुछ फ़र्लांग और आगे बढ़ने पर दाईं तरफ एक सड़क जाती है जिला कारागार के ठीक बगल-बगल से।
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लेकिन ज़्यादातर लोगों को यह पता नहीं होगा कि दुमका बस स्टेंड से पोखरा चौंक जाने वाली सड़क पर कुछ दूर चलने पर बाईं जानिब एक दुर्गा स्थान है और वहाँ से कुछ फ़र्लांग और आगे बढ़ने पर दाईं तरफ एक सड़क जाती है जिला कारागार के ठीक बगल-बगल से।
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एक व्यक्ति लगभग एक फ़र्लांग बहकर एक वृक्ष की डाली से अटक कर बच गया था और रुकरुककर वहां अपना हाथ हिला हिलाकर सहायता की याचना कर रहा था परंतु जब सभी आरत थे तो रक्षक कौन बनता? यपद्यि इस समय पानी बरसना रुक गया था और अब कोसी के पानी का स्तर भी नहीं बढ़ रहा था, परंतु आज सभी का विश्वास हिल चुका था।