| 31. | तासु बंस अनूप भो हरिचंद अति विख्याय आगरे रहि गोपचल में रह्यो ता सुत वीर।
|
| 32. | तेज तम अंस पर, कान्ह जिमि कंस पर, त्यौं मलिच्छ बंस पर, सेर शिवराज हैं॥
|
| 33. | लइका, बेटवा, बेटउआ, लइकवा, बंस (लड़का, पुत्र) ।
|
| 34. | तेज तमंअंस पर! कन्न्ह जिमि कंस पर!त्यों म्लेंच्छ बंस पर!शेर शिवराज है!!
|
| 35. | हमहीं मारा अपना बंस अक्षर अनन्य संवत् 1710 में इनके वर्तमान रहने का पता लगता है।
|
| 36. | यहाँ नक् कटी सूर्पनखा कौन है, और रावन और उ***े राक्षस बंस कौन है-दोस्तों बतलाये
|
| 37. | बाँस को जलाना अपने वंा को जलाने के समान है, कहते हैं-'बाँस जरायौ तैसो बंस जरायौ।'
|
| 38. | यहां छतरी बंस होना कहानी की मांग नहीं है, लेकिन वर्णवादी मानसिकता लेखक का पीछा नहीं छोड़ती।
|
| 39. | बहरहाल इतना ज़रूर स्पष्ट हो रहा है कि विपक्ष का निशाना अब सीधे मनमोहन सिंह बनेंगे।पवन बंस (...)'
|
| 40. | तेज तमअंस पर कन्ह जिमि कंस पर त्यों म्लेंच्छ बंस पर शेर शिवराज हैं!!!!!!!!!!!-महाकवि भूषण
|