तब न तो कोई मैरेज एनिवरसरी ही मनाएगा, अखबारों में वर-वधू चाहिए का विज्ञापन नहीं दिखेगा, शादी डॉट कॉम जैसी वेबसाईटों के दफ्तरों पर ताले लटक जाएंगे और बैंडवालों, डीजेवालों, डोलीवालों, कैटरिनवालों के साथ-साथ शादी का लड्डू, चट मंगनी पट ब्याह, हड़बड़ी की शादी कनपटी में सिंदूर, कानी की शादी में 9-9 गो बखरा, हँसुआ के लगन आ खुरपी के बियाह जैसी अनगिनत कहावतें भी बेरोजगार हो जाएंगी।