घर जाकर भी तुम इस तरह कि ही अरदास करवाना, तेरे घर बहुत धन और सुख सम्पदा कि बख्शिश होगी | हे बशंबर दास! हरेक सिक्ख कि यह अरदास होनी चाहिए |
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एक दिन उजैन शहर के रहने वाले एक सिक्ख बशंबर दास ने गुरु जी के आगे प्रार्थना की कि सच्चे पातशाह! मुझे धन कि बख्शिश करो | मेरे घर बड़ी गरीबी है |
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उनके एक करीबी ने इस आलेखक के साथ अनौपचारिक बातचीत में माना कि पटना में एम्बुलेंस सेवा 108 के ड्राइवरोँ को कम से कम एक हजार रुपये का बख्शिश प्रायवेट अस्पतालों से मिलता है ।
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लेप किसी के जिस्म पे हैं चंदन का लगाते गो रोचन से सजती है पेशानी किसी की और किसी को देते हैं बख्शिश की तसल्ली सूर मुबारकबाद के लायक श्याम से उल्फत रखने वाले..
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आपने मुझे डराया था एक दिन, आज भी सिहरन सी दौड़ जाती है सोचकर खुद को जहन्नम में, अपने मुजरिम होने में कुछ भी शक नहीं है मुझे, बख्शिश के लिए सिर्फ उसकी रहमत पर ही भरोसा है.
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मुझे अच्छी तरह मालूम है कि (काहिन की स्वीकृत) के अर्थ का हमारे सुंदर धर्म में कोई वजूद नहीं है, लेकिन मुझसे ज़िना (व्यभिचार) हो गया है, और मैं तौबा (पश्चाताप) करना चाहता हूँ और अल्लाह तआला से माफ़ी और बख्शिश का तलबगार हूँ।
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इसके अलावा हर अज़ान के बाद दुआ मे नबी सल्लल लाहो अलैहे वसल्लम के लिये अल्लाह से वसीला, फ़ज़ीलत और मुकम महमूद की दुआ करि जाती हैं | लिहाज़ा कुरान की आयत से साबित हैं के मुर्दा इन्सान के लिये बेहतरीन बख्शिश दुआ हैं |
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शैतान तुम्हे मुफ़लिसि से डराता हैं और बुराई की तरफ़ बुलाता हैं और अल्लाह तुम्हे अपने बख्शिश और फ़ज़्ल का वायदा करता हैं और अल्लाह बड़ी गुन्जाईश वाला और सब बातो का जानने वाला हैं | (सूरह अल बकरा सूरह नं 2 आयत नं 268)
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फिर सिगरेट शराब से घुड घुड करती छाती के लिये दवाओं का खर्च क्या मेरे बुझे चुल्हे का विकल्प नही हो सकता??-जिस बख्शिश मे मिले अवैध धन की मैं सारा दिन चौकसी करता हूँ क्या किसी के काम नही आ सकता-मालिक कभी ये क्यों नही सोचते।
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फिर सिगरेट शराब से घुड घुड करती छाती के लिये दवाओं का खर्च क्या मेरे बुझे चुल्हे का विकल्प नही हो सकता??-जिस बख्शिश मे मिले अवैध धन की मैं सारा दिन चौकसी करता हूँ क्या किसी के काम नही आ सकता-मालिक कभी ये क्यों नही सोचते।