एक आँख तो सलामत थी, लेकिन दूसरी आँख की जगह जहाँ गड्ढा था मुझे लगा जैसे वहाँ से कोई आग का बगूला उठ रहा है और मेरे वजूद पर तारी हो रहा है।
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रेत और भी एक-रेत का बगूला उतना ही ऊंचा उठता है जितना निर्वात होता है केंद्र में वैसे ही जैसे आदमी उतना ही ऊंचा उठता है जितना शांत होता है अन्दर से
33.
तभी अचानक हवा का एक बगूला उठा और मेरे केशों में झोंक गया धूल-मिट्टी उसकी साँसों में सराबोर थी जंगली फूलों की पगला देने वाली भीनी ख़ुशबू यह धीरे-धीरे भरती गई मेरे मुँह के अंदर।
34.
कि दादा जी जब बाहर गये हों तब धोऊँगी ' उसकी छाती से बगूला सा उठा... 'पर तू तो माँ है...! तुझे तो इस रहस्य के बारे में समझाना चाहिए था मुझे...!' किंतु तू तो उल्टा आँख ही दिखा रही है।
35.
मदीने में अमन चैन के साथ इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं एवं दिन प्रतिदिन उनके अनुयाइयों की संख्या बढ़ रही है, तो वह आग बगूला हो गए एवं हथियार बन्द लाव लश्कर लेकर मदीने पर आक्रमण करने के लिए निकल पडे़।
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उनकी हिम्मत जैसे साथ छोड़ने लगी कि वह एक बार फिर आँख उठा कर श्रवण का चेहरा देख लें, लेकिन एक बगूला सा उठा उनके भीतर, अपनी अब तक की भूमिका के बोध का बगूला, जो उन्होंने अपनी नजर उठा कर बेटे के चेहरे पर टिका दी।
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उनकी हिम्मत जैसे साथ छोड़ने लगी कि वह एक बार फिर आँख उठा कर श्रवण का चेहरा देख लें, लेकिन एक बगूला सा उठा उनके भीतर, अपनी अब तक की भूमिका के बोध का बगूला, जो उन्होंने अपनी नजर उठा कर बेटे के चेहरे पर टिका दी।
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इस के नीचे नहरें चलती हों, उस शख्स के इस बाग़ में और भी मेवे हों और उस शख्स का बुढापा आ गया हो और उसके अहलो अयाल भी हों, जान में कूवत नहीं, सो उस बाग़ पर एक बगूला आवे जिस में आग हो, फिर वह बाग जल जावे.
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चलती गाड़ी के लय में शरीर का गिरना, थकान और अकड़न में जिस्म का टूटना, ये सोचना कि काश पैर फैला लेने की इतनी से जगह मयस्सर हो जाती और इन्हीं सब अगड़मबगड़म के बीच मन के उजाले उड़ान का बगूला कैसे अपने सफेद पँख फैला लेता है, इसकी मीठी नीम रौशनी में नहा लेना।
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चलती गाड़ी के लय में शरीर का गिरना, थकान और अकड़न में जिस्म का टूटना, ये सोचना कि काश पैर फैला लेने की इतनी से जगह मयस्सर हो जाती और इन्हीं सब अगड़मबगड़म के बीच मन के उजाले उड़ान का बगूला कैसे अपने सफेद पँख फैला लेता है, इसकी मीठी नीम रौशनी में नहा लेना।