जमीन पर, जर्मन सेना ने चैनल के बंदरगाहों पर कब्जा करने का प्रयास किया (देखें “रेस टू द सी”) लेकिन हालांकि खाईयों को अक्सर “स्विट्जरलैंड की सीमा से लेकर इंग्लिश चैनल तक” बढ़ाया हुआ कहा गया था, वास्तव में वे उत्तरी सागर के तट पर पहुँच गए थे.
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जमीन पर, जर्मन सेना ने चैनल के बंदरगाहों पर कब्जा करने का प्रयास किया (देखें “रेस टू द सी”) लेकिन हालांकि खाईयों को अक्सर “स्विट्जरलैंड की सीमा से लेकर इंग्लिश चैनल तक” बढ़ाया हुआ कहा गया था, वास्तव में वे उत्तरी सागर के तट पर पहुँच गए थे.
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जमीन पर, जर्मन सेना ने चैनल के बंदरगाहों पर कब्जा करने का प्रयास किया (देखें “ रेस टू द सी ”) लेकिन हालांकि खाईयों को अक्सर “ स्विट्जरलैंड की सीमा से लेकर इंग्लिश चैनल तक ” बढ़ाया हुआ कहा गया था, वास्तव में वे उत्तरी सागर के तट पर पहुँच गए थे.
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ईश्वर हमें जीवन देता है और इस जीवन को जन्म देने और संरक्षण देने के लिए माँ देता है, माँ ईश्वर का ही बढ़ाया हुआ हाथ है!जिस तरह माँ की हर बात प्यारी होती है उसी तरह आपकी ये कविता भी हमे हर लिहाज़ से बेहद प्यारी लग रही है!सुंदर शब्दावली में इस कविता का सृजन करके हमारे लिए पेश करने हेतु हृदय से अभिनंदन, ज्योति-जी!!!...
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! मुखर्जी साहब जिसे आप फैशन बोल रहे हैं ये न सिर्फ एक पीड़ित को इंसाफ दिलाने की लड़ाई है बल्कि महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार करने की ओर महिलाओं की तरफ से बढ़ाया हुआ कदम था लेकिन अफसोस है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए शुरू हुई इस लड़ाई को न तो आपके पिताश्री समझ पाए जबकि वे तो इन प्रदर्शनकारियों से चंद कदम दूर थे और न ही आप।
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खुशी से (सहर्ष) अपना जानें अल्लाह को दे दो और पुर इतमीनान रफ़्तार के (संतोष पूर्ण चाल) से मौत की जानिब (मृत्यु का ओर) पेशक़दमी करो (अग्रसर हो), और शामियों की इस बड़ी जमाअत (समूह) और तनाबों से खिंचे हुए ख़ैमे को अपने पेशे नज़र (दृष्टिगत) रखो और उस के वस्त (मध्य) पर हमला (आक्रमण) के लिये हाथ बढ़ाया हुआ है और दूसरी तरफ़ (ओर) भागने के लिये क़दम पीछे हटा रखा है।
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जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली: वैसे तो जाम की समस्या क्षेत्र के अधिकतर हिस्सों में है, लेकिन खुरेजी में जाम की समस्या कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। सड़क की चौड़ाई तो वैसे ही कम है, ऊपर से सब्जी विक्रेताओं के जमावड़े के चलते यहां से गुजरने वाले लोगों को घंटों जाम जाम में फंसे रहना पड़ता है। खुरेजी से झील तक जाने वाली सड़क हमेशा जाम से घिरी रहती है। दुकानें भी इस जाम का कारण बनती हैं, क्योंकि दुकानदारों ने सड़क पर कारोबार को बढ़ाया हुआ है। पहले ही क्षेत्र में पार्किंग की व्यवस्था नहीं