कुछ लूट लिया है लोगों ने. लूट का माल बरामद करना होगा. पर करेगा कौन? आइये, आज प्रतिज्ञा करें कि हम हर उस बात का विरोध करेंगे जो देश और समाज हित में नहीं है.
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इस गवाह ने सम्पूर्ण टेªप कार्यवाही के दौरान टेªप दल के साथ होने तथा टेªप कार्यवाही के दौरान 18, 000/-अभियुक्त मुरलीधर के निवास के कमरे में रखे पानी के गिलास की टेª के नीचे से बरामद करना कथन किया है।
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उन्होंने अदालत से दोनों आरोपियों का सात दिन का रिमांड प्रदान करने का आग्रह करते बताया कि सांसद के निवास पर 20 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे और इन लोगों ने कैमरों से हार्ड डिस्क गायब कर दी जिसे बरामद करना है।
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इस प्रकार इस गवाह ने परिवादी की रिपोर्ट के बाद रिश्वत राशि की मांग का सत्यापन कर स्वतन्त्र मौतबिरान की उपस्थिति में टेªप कार्यवाही आयोजित कर अभियुक्त की जेब से 18, 000/-रूपये की राशि बरामद करना और सम्पूर्ण टेªप कार्यवाही सम्पन्न करने का कथन किया।
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यद्यपि जनता के गवाहों ने बरामदगी के सम्बन्ध में अभियोजन पक्ष को समर्थन नहीं दिया है लेकिन मृतका की लाष जनता के गवाहों के साथ साथ पुलिस द्वारा अभियुक्त की निषानदेही पर बरामद करना बताया गया है और लाष बरामदगी स्थल के पास ही दरांती भी बरामद हुई है।
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अभियुक्त के रिहायसी मकान के स्टोरनुमा खुले कमरे से हांलाकि इस मामले में राशि 900 /-रूपये बरामद करना अभियोजन पक्ष के गवाहों ने कहा है लेकिन मात्र बरामदगी को साबित करना ही रिश्वत के मामले में पर्याप्त नहीं है बल्कि रूपयों की बरामदगी परिस्थितिजन्य साक्ष्य से भी समर्थित होनी चाहिये।
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इस साक्षी द्वारा अभियुक्त हिमांशु शाही को सौधोवाली के जगंल से गिरफतार किया गया तथा हिमांशु के कहने पर उसके तीन साथियों निताई मोहन, दीपक सकलानी व आशीष शर्मा को सौधोवाली के जगंल से गिरफतार करना कहा तथा दो मोटर सायकिल बरामद करना एवं उनके मोबाईल कब्जे में लेना बताया।
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अभियोजन पक्ष ने अभियुक्त से रिश्वत राशि बरामद करना बताया लेकिन वह राशि अभियुक्त की अनुपस्थिति में बरामद की गई और कबूतरों के चुग्गे के पैसे डालने के बाद सुरक्षित रखने के लिये कोठी से निकाल कर दराज में रखना अभियोजन पक्ष के गवाहों ने अपनी साक्ष्य में स्वीकार किया है।
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इस प्रकार वादी अभियुक्त चन्द्र शेखर को घटना के तुरन्त उपरान्त पकडना तथा एक तमन्चा अभियुक्त चन्द्र शेखर के कब्जे से बरामद करना तथा चन्द्र शेखर द्वारा तुरन्त भाग जाना बताया है जब कि पी0डब्लू0-1 वादी द्वारा अपनी मुख्य परीक्षा में यह कथन किया गया है कि मैने अपनी लिखी तहरीर चौकी पर देकर मुकदमा कायम कराया।
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यह एक असामान्य सी बात है इसलिए अभियुक्त गुरूचरण जब कु0 अनीता को लेकर पिथौरागढ से गुलालपुर गया तो उनके साथ अभियुक्ता सुरेन्द्र कौर का होना संदिग्ध होता है तथा जब दिनांक 21-10-07 को पीडिता कु0 अनीता को पुलिस द्वारा घाट से बरामद करना दिखाया गया है उस समय भी अभियुक्ता सुरेन्द्र कौर उनके साथ नहीं थी।