सूत्रों का कहना है कि बीबीएस, बीबीई और बीएफआईए कोर्सेज मैनेजमेंट और इकनॉमिक्स फील्ड से ही जुड़े हुए हैं और इन तीनों का एडमिशन प्रोसेस बहुत उलझा हुआ है, ऐसे में कुछ कोर्सेज को मर्ज किया जाना जरूरी है।
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अब जनरल कपूर ने चेताया है कि देश का सुरक्षा परिदृश्य बहुत उलझा हुआ, विविधतापूर्ण और नई-नई चुनौतियों से भरा हुआ है तथा सेना को अपने बहुत से संसाधन आतंकवाद और उग्रवाद की चुनौतियों से जूझने में खपाने पड़ रहे हैं।
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शब्दों के जाल में उलझा हुआ जीवन, कितना नीरस होता है, अपनी वास्तविकता से कोसो दूरी पर, याठार्थ से बहुत ऊपर बहुत उलझा हुआ की जितना निकलने की कोशिश करो उतना हिया नए जाल में फसता है.
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आर्थिक आत्मनिर्भरता औरतों के समान आधिकारों को सुगम करता है लेकिन सेफ पैसेज एंश्योर करे ऐसा अमूमन नहीं होता, इतना आप भी वाकिफ होंगे (इसके बारे में विस्तार से अगली बार, बहुत उलझा हुआ मसला है) ।
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पूरा विषय बहुत उलझा हुआ है-और सूक्ष्म दृष्टि, पूर्वाग्रहरहित तार्किकता और विवेचन की मांग करता है-यह एक पूरा प्रोजेक्ट है-आईये आप गिरिजेश जी और यह खाकसार इस गुत्थी को मिलकर सुलझाएं-कहीं एकाध माह तक मिल बैठें!
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पूरा विषय बहुत उलझा हुआ है-और सूक्ष्म दृष्टि, पूर्वाग्रहरहित तार्किकता और विवेचन की मांग करता है-यह एक पूरा प्रोजेक्ट है-आईये आप गिरिजेश जी और यह खाकसार इस गुत्थी को मिलकर सुलझाएं-कहीं एकाध माह तक मिल बैठें!
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शब्द शब्द सत्य कहते शेर, सियासत का खेल तो बहुत ही बुरा हैं,उसके बारे में सोचना भी दुखद हैं,लेकिन जब मन बहुत उलझा हुआ होता हैं,बहुत सारे प्रश्न सामने होते हैं तभी इतने अच्छे और सच्चे शेर बना करते हैं,आपको बहुत बहुत बधाई
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मरने का भय, जीने का भय, लोग क्या कहेंगे और क्या नहीं कहेंगे इसका भय, न जाने हम किस ओर जा रहे हैं इसका भय नौकरी छूट जाने का भय और धारणाओं का भय, क्या यही सब जीवन असाधारण रूप से जटिल चीज़ नहीं है? क्या आप जानते हैं कि ‘ जटिल ' शब्द का अर्थ है?-बहुत उलझा हुआ, यह इतना सरल नहीं है कि आप इसे तत्काल समझ लें ; यह बहुत ही कठिन है.
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“ तुम्हारे लिए जैसे सांस लेना ज़रूरी है वैसे ही मेरे लिए लिखना ” “ कैसा महसूस करते हो कोई रचना जब स्वरुप लेती है ”, अब वो एक पत्रकार की तरह बात कर रही थी बहुत उलझा हुआ, करेक्टरहै ये प्रिया भी, आज तक समझ नहीं पाया, अगर उसके पंख होते तो शायद अब तक आसमान में होती एक आज़ाद परिंदे में और उसमें बस पंखो का ही अंतर था, एक डाल से दूसरी बिना किसी क्षोभ के गिल्ट के,