| 31. | कार्बन का बहुत ही उपयोगी बहुरूप फुलेरेन की खोज १ ९९ ५ ई.
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| 32. | खा न के ये सभी बहुरूप आज तुर्की मूल के माने जाते हैं।
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| 33. | उस के इसी लिए बहुरूप हैं जो जरूरत के मुताबिक बदलते भी रहते हैं।
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| 34. | इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं।
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| 35. | इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं।
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| 36. | बहुरूप की टोह कहां रहती है? बहुरुपिया अपने विविध-अबूझ परतों में सोया रहता है.
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| 37. | यह एक रवेदार बहुरूप है, जिसका प्रत्येक अणु ६० प्रांगार परमाणुओं का गोलाकार समूह होता है।
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| 38. | इसके विविध गुणों वाले कई बहुरूप हैं जिनमें हीरा, ग्रेफाइट काजल, कोयला प्रमुख हैं।
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| 39. | वैदिक संस्कृत में अनेक शब्दों के बहुरूप मिलते हैं जो प्राकृत के समरूप लगते हैं ।
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| 40. | इसे मदर टंग के मुहावरों में लैंगुएज के बहुरूप की तरह ही प्रयोग किया जाता है.
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