यह बहुवर्षायु वृक्ष होता है जो लगभग हर जगह मिल जाता है, उत्तर भारत मे इसका वृक्षखेतो मे कही कही मिल जाता है, इसके सफ़ेद फ़ूल आते है और पत्र त्रिपत्रक होते है बेल की तरह ।
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वरूण, बरणा यह बहुवर्षायु वृक्ष होता है जो लगभग हर जगह मिल जाता है, उत्तर भारत मे इसका वृक्षखेतो मे कही कही मिल जाता है, इसके सफ़ेद फ़ूल आते है और पत्र त्रिपत्रक होते है बेल की तरह ।
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इसका फ़ैलने वाला, बहुवर्षायु क्षुप होता है, पत्ते लम्बे काँटो से युक्त हरे होते है, पुष्प नीले रंग के होते है, फ़ल क्च्चे हरित वर्ण के और पकने पर पीले रंग के हो जाते है, बीज छोटे और चिकने होते है ।
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कंटकारी, छोटी कटेरी इसका फ़ैलने वाला, बहुवर्षायु क्षुप होता है,पत्ते लम्बे काँटो से युक्त हरे होते है, पुष्प नीले रंग के होते है, फ़ल क्च्चे हरित वर्ण के और पकने पर पीले रंग के हो जाते है, बीज छोटे और चिकने होते है ।
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यह बहुवर्षायु गुल्म या क्षुप होता है जो कि शुष्क और सुखी जमीन पर अधिक पाया जाता है, पश्चिमोत्तर भारत मे यह बहुत मिलता है, इसकी मुख्यतया दो प्रजाति होती है, एक लाल फ़ुलो वाला और एक सफ़ेद फ़ुलो वाला, यहाँ पर लाल फ़ूल वाले अर्क का वर्णन किया गया है ।
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आक, अर्क, आखा यह बहुवर्षायु गुल्म या क्षुप होता है जो कि शुष्क और सुखी जमीन पर अधिक पाया जाता है, पश्चिमोत्तर भारत मे यह बहुत मिलता है, इसकी मुख्यतया दो प्रजाति होती है, एक लाल फ़ुलो वाला और एक सफ़ेद फ़ुलो वाला, यहाँ पर लाल फ़ूल वाले अर्क का वर्णन किया गया है ।