थोडी देर पहले दादाजी के बारे में सोच रहा था और अचानक पता नहीं कैसे, कहां से प्रेरणा हुई-अब हरिद्वार के पंडे के पास परिवार के आने वाले बच्चों के नाम और पते बही में लिखवाने कौन जाएगा? अरे बाप रे! सच..अमरीकी देसी संतानों को सिखाना होगा उनकी भारतीय जडों के बारे में..