अभियोजन की ओर से अपने कथन के समर्थन में बहादुर सिंह को बतौर गवाह पी0डब्ल्यू0-5 परीक्षित कराया गया है जिसने अपने सशपथ बयान में मुख्य परीक्षा में कहा है कि दिनांक 14-4-09 को वह गंगोलीहाट महाकाली मन्दिर आया था, वहॉ उसे करीब साढे बारह बजे दिन मृतका मिली थी।
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बारह बजे दिन को श्रीरामजी प्रगट हुये थे, इसलिये बारह बार “र ” से याद दिलाते हैं कि, “बारह कला राम अवतारा, सौलह कला कृष्ण सुखसारा ॥ बारह कला से अवतरित श्रीराम के दर्शन करने को हे सूर्यदेव आपने अयोध्या में एक महिने के लिये अखण्ड डेरा डाल दिया था-”मध्य दिवस अति शीत न घामा, पावन काल लोक विश्रामा ॥ दोहा ;-मास दिवस का दिवस भा,
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अभियोजन पक्ष ने घटना के प्रत्यक्षदर्षी दो गवाह बताये गये है समय ग्यारह-जिसमे कुमारी सबिता लखेडा पी0डब्लू-2 ने बयान किया है कि (मृतक) उसका पिता था और अभियुक्ता उसकी मॉ है दिनॉक 11.4.08 को बारह बजे दिन मे वह अपने घर पर थी घर मे उसके पापा (मृतक) ने षराब पी रखी थी, तथा उसके पापा ऊपर ऑगन से नीचे आ रहे थे तो छत पर पैर फिसलने के कारण नीचे गिर गये वहॉ दरॉती रखी हुई थी जो उनके सिर पर लगी और उनकी मृत्यु हो गई।