वर्तमान के कार्पोरेट उत्पादन प्रणाली में जिस तरह से मनुष्य बेदखल हुआ इससे समाज के एक बड़े वर्ग में निराशा है, ऐसी परिस्थिति का जितेन्द्र की कविताओं में बार बार आना महत्वपूर्ण है।
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ऐसे में अक्सर मरीज़ को अस्पताल आना पड़ता है. अन्य लक्षण हैं-पेशाब बार बार आना, अचानक प्रेशर बन जाना, रात में बार बार पेशाब के लिए उठना, जलन होना आदि.
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सोने के पश्चात् पीठ में दर्द होना जिसका स्थान पता लगाना मुश्किल हो, पिंडलियों में थकावट जैसा दर्द, तलवों में जलन एवं पेशाब का बार बार आना जो कि रात में भी नींद से जाग कर जाना पड़े, इसके लक्षण हैं.
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आयें हैं सो कुछ दिन गुजार जाते हैंलेकर ना जब तक के कहार जाते हैं क्या शानोशौकत पर गुमान करते हो दुनियासे मुफ़लिस ताजदार जाते हैं ना रास्ता अनजाना, न राह मुष्किल हैहर दिन इस दुनियासे हजार जाते हैं जानकरभी के याँ बार बार आना हैजानेवालें क्यों बेकरार जाते...
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आयें हैं सो कुछ दिन गुजार जाते हैंलेकर ना जब तक के कहार जाते हैं क्या शानोशौकत पर गुमान करते हो दुनियासे मुफ़लिस ताजदार जाते हैं ना रास्ता अनजाना, न राह मुष्किल हैहर दिन इस दुनियासे हजार जाते हैं जानकरभी के याँ बार बार आना हैजानेवालें क्यों बेकरार जाते
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फरीदा की बकरियाँ खिलखिलाने लगी है | भाई! न्योता दिला दिया करिए, हलवा फिर खाने की तबीयत है | फिर शबे बारात का हो या ईद-ए-मिलाद का या फिर होली का, रंग का | गरज यह कि आदत ख़राब कर दी है आपने (यानि बढ़िया) आपको पढ़ने बार बार आना होगा |
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यहाँ आने वाले कई लोग अपनी परेशानियों से बचने के लिए या अपने दुःख दर्द दूर करने के लिए या फिर क्षण भर की ख़ुशी पाने के लिए! (हर पीने वाले को यही लगता है) सभी का मकसद एक सभी की मंजिल एक (एक बोतल और चार यार) कहते हैं कि इन्सान अगर एक बार इस जगह पहुँच जाये तो फिर वो यहाँ बार बार आना चाहता है!
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विशुद्ध चैतन्य साधना तो बहुत ही आसान है केवल साधक नहीं हैं | ईश्वर को बार बार आना पड़ता है यह दिखाने के लिए कि जब मैं मानव शरीर में ईश्वरत्व को प्राप्त हो सकता हूँ तो तुम क्यों नहीं? लेकिन मनुष्य उनके दिखाए मार्ग पर न चलकर मार्ग में ही उनकी मूर्ति बनाकर भजन कीर्तन करने लगते हैं और जो अधिक बुद्धिमान हैं वहीँ अपनी दूकान खोलकर कथा बाँचने लगते हैं | परिणाम होता है कि वहाँ एक मंदिर बन जाता है और धर्म के ठेकेदारों का धंधा शुरू |