बाल नाटकों और रंगमंच का बच्चों की प्रतिभा के विकास के लिहाज से महत्व समझने, आज के बच्चों के भय, उलझनों और छोटी-बड़ी मुश्किलों से सीधे जुड़ने तथा बाल रंगमंच के जरिए बच्चों को नया, खुशहाल समाज बनाने के सपने और नए विचारों से खेल-खेल में जोड़ने की सबसे पहले शुरुआत करने वाली रेखा जैन का समूचा जीवन ही बाल रंगमंच को समर्पित रहा।
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बाल नाटकों और रंगमंच का बच्चों की प्रतिभा के विकास के लिहाज से महत्व समझने, आज के बच्चों के भय, उलझनों और छोटी-बड़ी मुश्किलों से सीधे जुड़ने तथा बाल रंगमंच के जरिए बच्चों को नया, खुशहाल समाज बनाने के सपने और नए विचारों से खेल-खेल में जोड़ने की सबसे पहले शुरुआत करने वाली रेखा जैन का समूचा जीवन ही बाल रंगमंच को समर्पित रहा।
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इससे पूर्व प्रथम सत्र में बाल रंगमंच: विविध आयाम विषय पर आधारित तथा आशीष घोष की अध् यक्षता में संपन् न हुए सत्र में डॉ. सतीश पावडे ने रंगमंच और विशेष युवा दर्शक, डॉ. विधु खरे ने बाल रंगमंच में नाटयालेख की भूमिका तथा उसकी प्रयोगात् मक संभावनाएं तथा राजू सोनवने ने मराठवाडा का युवा रंगमंच और युवा दर्शक विषय पर विमर्श किया।
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इससे पूर्व प्रथम सत्र में बाल रंगमंच: विविध आयाम विषय पर आधारित तथा आशीष घोष की अध् यक्षता में संपन् न हुए सत्र में डॉ. सतीश पावडे ने रंगमंच और विशेष युवा दर्शक, डॉ. विधु खरे ने बाल रंगमंच में नाटयालेख की भूमिका तथा उसकी प्रयोगात् मक संभावनाएं तथा राजू सोनवने ने मराठवाडा का युवा रंगमंच और युवा दर्शक विषय पर विमर्श किया।