राजन्! ‘ सफला एकादशी ' को नाम मंत्रों का उच्चारण करके नारियल के फल, सुपारी, बिजौरा तथा जमीरा नींबू, अनार, सुन्दर आँवला, लौंग, बेर तथा विशेषत: आम के फलों और धूप दीप से श्रीहरि का पूजन करे ।
32.
पूर्व सरंपच सतीश परिहार ग्राम बिजौरा मैं रतनगढ़ माता मंिदर पर जवारे चढाने के लिये लगभग 90 साथियों के साथ आया था पुल पर हुई भगदड़ के दौरान मेरे साथियों में से केवल 40 साथी मिल पाये है और बकाया साथियों का अभी तक कोई पता नहीं।
33.
मुनिया का घर भी कितना पास आ गया है ठीक-ठीक समझ सकूंगा नैनों की भाषा ईशारे रहस्य नहीं रहेंगे अब तभी बताते हैं बाबा दूर बसे गांव बिजौरा के खपड़ों की गिनती और मेरे मुह से निकलता बदहवास कितना अच्छा था जाड़े का कोहरा! (16.6.01)
34.
हादसा उस वक्त हुआ जब सपा नगर विधायक राधेश्याम जायसवाल के तीस वर्षीय छोटे बेटे शैलेंद्र जायसवाल उर्फ बउवा कमलापुर क्षेत्र के कृष्णपुर निवासी रूपेंद्र (28) पुत्र लल्लूराम, चालक रामकोट क्षेत्र के बिजौरा निवासी मुमताज उर्फ गुड्डू (25) पुत्र मोहम्मद अनीस व गनर भास्कर यादव (30) पुत्र रामगोपाल यादव के साथ अपनी टवेरा कार से लखनऊ की ओर जा रहे थे।
35.
संजा पर्व में सबसे पहले दिन पूनम का पाटला बनता है, दूसरे दिन दूज का बिजौरा, तीसरे दिन घेवर, चौथे दिन चौपड़, पांचवें दिन पांचे या पांच कुंवारे, छठे दिन छबड़ी, सातवें दिन स्वस्तिक, आठवें दिन आठ पंखूड़ी का फूल, नौवें दिन डोकरा-डोकरी उसके बाद वंदनवार, केल, जलेबी की जोड़ आदि बनने के बाद तेरहवें से सोलहवें दिन तक किलाकोट बनाया जाता है।
36.
नेताओं और अधिकारियों ने अवैध को वैध करार देने के लिए भी तमाम रास्ते निकाल लिए हैं, जिन जगहों पर सेंचुरी एरिया नहीं है वहां की भूमि के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर सेंचुरी एरिया में खनन संक्रिया को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है, बिजौरा में खनन परिवहन के लिए मार्ग न होने की स्थिति में सीधे सेंचुरी क्षेत्र के बीचोंबीच से सड़क मार्ग बना दिया गया और उसमे घुसकर लाखों टन बालू का खनन किया गया।
37.
एरंड के पेड़ की जड़, सोंठ, कंटकारी, कटेरी, बिजौरा नींबू की जड़, पाषाणभेद और त्रिकुटा की जड़ों को अच्छी तरह पीसकर बारीक चूर्ण को 20 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें, इस बने काढ़े में जवाखार, हींग, सेंधानमक और अरंडी का तेल मिलाकर सेवन करने से आमजशूल, दिल का दर्द (हृदय शूल), स्तनशूल, लिंग शूल यानी लिंग (शिश्न) का दर्द और अनेक प्रकार के दर्द समाप्त हो जाते हैं।
38.
इस उपवन में जो वृक्ष प्रमुखता से इसकी शोभा बढ़ा रहे थे, उसके नाम थे पारिजात, मन्दार, गुलाब, अशोक, चम्पा, आम्र, नारियल, कटहल, सुपारी, खजूर, अर्जुन, रीठा, महुआ, बिजौरा, साखू, असन, ताड़, तमाल, गूलर, पाकर, बरगद, पलाश, चन्दन, कचनार, साल, नीम, देवदारु, ईख, केला, जामुन, बेर, आँवला, रुद्राक्ष, हर्रे, बेल, कैथ, नीबू आदि।