विनिमय (या आंशिक विनिमय) आधान बिलिरूबिन को हटाने, रोग-प्रतिकारकों को हटाने एवं लाल कोशिकाओं (जैसे कि रक्तसंलायी रक्ताल्पता से कम प्रभावकारी रक्तहीनता एवं अन्य हीमोग्लोबिनविकृतियों के लिए) के प्रतिस्थापन के लिए किया जाता है.
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यदि मां का ब्लड ग्रुप निगेटिव और पिता एवं गर्भस्थ शिशु का पॉजिटिव है तो शिशु की लाल रक्त कणिकाएं टूटने लगती हैं ऐसी दशा में बच्चा पीलिया ग्रसित जन्म ले सकता है, यदि रक्त में बिलिरूबिन का स्तर 20 मि. ग्रा. से ज्यादा है तो मस्तिष्क पर स्थायी प्रभाव हो सकता है।
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यदि लाल रक्त कोशिकाओं की टूटने की प्रक्रिया तेजी से होती रहती है या लीवर के रोगों में बिलिरूबिन का स्तर रक्त में बढ़ जाता है, रक्त में जब बिलिरूबिन का स्तर 0.8 मि. ग्रा. प्रति 100 मि. ली. से बढ़ जाता है तो यह दशा जॉण्डिस कहलाती है, पर आंख तथा त्वचा का पीला रंग रक्त में बिलिरूबिन की मात्रा 2 से 2.5 मि. ग्रा. तक बढ़ने पर ही दिखाई पड़ता है।
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यदि लाल रक्त कोशिकाओं की टूटने की प्रक्रिया तेजी से होती रहती है या लीवर के रोगों में बिलिरूबिन का स्तर रक्त में बढ़ जाता है, रक्त में जब बिलिरूबिन का स्तर 0.8 मि. ग्रा. प्रति 100 मि. ली. से बढ़ जाता है तो यह दशा जॉण्डिस कहलाती है, पर आंख तथा त्वचा का पीला रंग रक्त में बिलिरूबिन की मात्रा 2 से 2.5 मि. ग्रा. तक बढ़ने पर ही दिखाई पड़ता है।
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यदि लाल रक्त कोशिकाओं की टूटने की प्रक्रिया तेजी से होती रहती है या लीवर के रोगों में बिलिरूबिन का स्तर रक्त में बढ़ जाता है, रक्त में जब बिलिरूबिन का स्तर 0.8 मि. ग्रा. प्रति 100 मि. ली. से बढ़ जाता है तो यह दशा जॉण्डिस कहलाती है, पर आंख तथा त्वचा का पीला रंग रक्त में बिलिरूबिन की मात्रा 2 से 2.5 मि. ग्रा. तक बढ़ने पर ही दिखाई पड़ता है।