दि0 21-2-05 को उनके गेस्ट हाउस में एक साधू हाजिर अदालत बाबा सुद्धनाथ व उनके साथ तीन व्यक्ति मदन मोहर, सत्य प्रकाष उर्फ काली व पंकज ध्यानी आये और कमरा नं0 5 में रूके और उन्होंने अण्डे व बकरी का मीट मंगवाया और शराब पी और सुद्धनाथ व पंकज ध्यानी गाली गलौज करने लगे जिनका सत्य प्रकाष ने बीच बचाव करना चाहा लेकिन वे नहीं माने तो सत्य प्रकाष ने कहा कि वह नीचे एस0टी0डी0 में जाकर 100 नम्बर पर फोन करने जाता है।
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साक्षी ने यह भी कथन किया है कि अभियुक्तगण मौके पर एक दो घन्टे रहे थे वहॉ पर बहुत घपला हुआ था, आस पडोस के लोगो ने षोर सुना और हंसा लौहार ने बीच बचाव किया था परन्तु आस पास के लोग तथा हंसा लौहार जिसके द्वारा बीच बचाव करना कहा गया है उसको साक्ष्य मे पेष नही किया गया है, अतः स्वतंत्र गवाह को साक्ष्य मे पेष न करना यही माना जायेगा कि स्वतंत्र गवाह अभियोजन पक्ष की झूठी कहानी का समर्थन न करते इसलिये उन्हें साक्ष्य मे पेष नही किया गया है।