अतः विस्तारित बीमारी हितलाभ के 3 वर्षों की अवधि में 2 वर्ष की विस्तारित अवधि (विस्तारित बीमारी हितलाभ) तक औसत दैनिक मजदूरी के 80% की दर से बीमारी हितलाभ के भुगतान का प्रावधान किया गया ।
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अतः विस्तारित बीमारी हितलाभ के 3 वर्षों की अवधि में 2 वर्ष की विस्तारित अवधि (विस्तारित बीमारी हितलाभ) तक औसत दैनिक मजदूरी के 80% की दर से बीमारी हितलाभ के भुगतान का प्रावधान किया गया ।
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बीमारी हितलाभ: बीमारी हितलाभ बीमाकृत कामगार को प्रमाणित बीमारी अवधि के दौरान एक वर्ष में अधिकतम 91 दिनों के लिए उसकी मजदूरी के 70 प्रतिशत की दर से नकद प्रतिपूर्ति के रूप में देय होता है ।
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बीमारी हितलाभ: बीमारी हितलाभ बीमाकृत कामगार को प्रमाणित बीमारी अवधि के दौरान एक वर्ष में अधिकतम 91 दिनों के लिए उसकी मजदूरी के 70 प्रतिशत की दर से नकद प्रतिपूर्ति के रूप में देय होता है ।
35.
बीमायोग्य रोजगार में पहली बार आने वाले व्यक्ति को बीमारी हितलाभ के लिए पात्र होने से करीब 9 माह के लिए प्रतीक्षा करनी होती है क्योंकि उसकी तदनुरुपी हितलाभ अवधि उस अंतराल के बाद ही शुरु होती है।
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बीमाकृत व्यक्ति ने तदनुरूप अंशदान अवधि में कम से कम 78 दिनों का अंशदान दिया हो और संगत हितलाभ अवधि के दौरान (जिसमें विशेषज्ञता उपचार की आवश्यकता वाली बीमारी की अवधि शामिल होती है) बीमारी हितलाभ का पात्र हो ।
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2. विस्तारित बीमारी हितलाभ के लिए हकदार होने हेतु बीमाकृत व्यक्ति को बीमारी की अवधि जिसमें रोग का निदान हुआ है, के आरंभ पर 2 वर्षों या अधिक से लगातार रोजगार में होना चाहिए एवं अन्य अंशदायी शर्तों को पूर्ण करना चाहिए ।
38.
पिछला दौर, जिसके लिए अंतिम बार बीमारी हितलाभ का भुगतान किया गया था, समाप्त होने के 15 दिनों के अंदर दौर शुरु हो गया हो, उस स्थिति के अलावा बीमारी हितलाभ बीमारी के दौर के पहले दो दिनों के लिए देय नहीं होता ।
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पिछला दौर, जिसके लिए अंतिम बार बीमारी हितलाभ का भुगतान किया गया था, समाप्त होने के 15 दिनों के अंदर दौर शुरु हो गया हो, उस स्थिति के अलावा बीमारी हितलाभ बीमारी के दौर के पहले दो दिनों के लिए देय नहीं होता ।
40.
जब बीमाकृत व्यक्ति को चिकित्सकीय उपचार और इस आधार पर काम से छुट्टी के साथ साथ सेवा की आवश्यकता हो, उस समय हितलाभ अवधि के दौरान होने वाली प्रमाणित बीमारी के वक्त बीमाकृत व्यक्ति को दिए जाने वाले आवधिक नकद भुगतान को बीमारी हितलाभ कहते ह. »