कुगु में तीसरा दिन यात्रा का बीसवाँ दिन 23 / 6 / 2010 एक सौ आठ कुंड सुबह उठे बाहर आए तो देखा आकाश बादलों से घिरा था, हल्की फुहारें पड़ रहीं थीं और हवा गतिमान थी।
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गोलाध्याय के सातवें अध्याय ('मिथ्याज्ञान' नामक बीसवाँ अध्याय) में लल्ल ने पुराणों में कही गईं अनेकों ज्योतिषीय विचारों की आलोचना की है (जैसे धरती के चपटी होने का विचार, सूर्य का चन्द्रमा के अधिक निकट होना, राहु के कारण ग्रहण का होना आदि)।
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काम की बात बीसवाँ हिस्सा थी जिससे मालूम पड़ा कि अभी कमला का विवाह नहीं हुआ, उसे अपनी फूलों की क्यारी को सँभालने का बड़ा प्रेम है, ' सखी ' के नाम से ' महिला-मनोहर ' मासिक प्रत्र में लेख भी दिया करती है।
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पंजाबी त्रैमासिक पत्रिका ‘ मिन्नी ', ‘ पंजाबी साहित्य अकादमी, लुधियाना ' व ‘ पिंगलवाड़ा चौरिटेबल सोसायटी, अमृतसर ' के संयुक्त तत्त्वाधान में ‘ बीसवाँ अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन ' 8 अक्तूबर, 2011 को पिंगलवाडा काम्प्लैक्स, अमृतसर (पंजाब) में सम्पन्न हुआ।
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नौ नवम्बर ०९, आज बेटे का बीसवाँ जन्मदिन है, छोटा सा था जब माउन्ट आबू में बेटियों की राजस्थानी ड्रेस में फोटो खिचवाई थी तो इन्हें भी कहा कि राजस्थान की पारम्परिक ड्रेस में एक फोटो खिंचवा लो ; सिर हिला कर कहने लगे कि नहीं ये नहीं पहनूंगा फ़िर ख़ुद ही
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नौ नवम्बर ०९, आज बेटे का बीसवाँ जन्मदिन है, छोटा सा था जब माउन्ट आबू में बेटियों की राजस्थानी ड्रेस में फोटो खिचवाई थी तो इन्हें भी कहा कि राजस्थान की पारम्परिक ड्रेस में एक फोटो खिंचवा लो ; सिर हिला कर कहने लगे कि नहीं ये नहीं पहनूंगा फ़िर ख़ुद ही...
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लेसोथो में खनिकों ने एक ऐसे पत्थर की खोज निकाला है जो तराशने के बाद दुनिया में अब तक मौजूद हीरों में सबसे बड़ा पॉलिश किया गया हीरा बन सकता है. 'जैम डायमंड' नाम की कंपनी का कहना है कि इस पत्थर का वजन 478 कैरेट है और अब तक पाया गया बीसवाँ सबसे बड़ा कच्चा हीरा है.इस कंपनी का कहना है कि बिना कान से देखता है बेन!
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नौ नवम्बर ० ९, आज बेटे का बीसवाँ जन्मदिन है, छोटा सा था जब माउन्ट आबू में बेटियों की राजस्थानी ड्रेस में फोटो खिचवाई थी तो इन्हें भी कहा कि राजस्थान की पारम्परिक ड्रेस में एक फोटो खिंचवा लो ; सिर हिला कर कहने लगे कि नहीं ये नहीं पहनूंगा फ़िर ख़ुद ही कहने लगे कि यहाँ पुलिस वाली ड्रेस भी है उसको पहनूँगा ये फोटोग्राफ उस वक़्त का ही है
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सुन्दर सा ज्यों मुखड़ा कोई गुलाब का नौ नवम्बर ०९, आज बेटे का बीसवाँ जन्मदिन है, छोटा सा था जब माउन्ट आबू में बेटियों की राजस्थानी ड्रेस में फोटो खिचवाई थी तो इन्हें भी कहा कि राजस्थान की पारम्परिक ड्रेस में एक फोटो खिंचवा लो ; सिर हिला कर कहने लगे कि नहीं ये नहीं पहनूंगा फ़िर ख़ुद ही कहने लगे कि यहाँ पुलिस वाली ड्रेस भी है उसको पहनूँगा ये फोटोग्राफ उस वक़्त का ही है
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मुहम्मद ने. मुस्लिम, काफ़िर और मुशरिक का साजिशी जाल बुना, फिर उस जाल का शिकार ऐसा कारगर साबित हुवा कि इंसानी आबादी का बीसवाँ हिस्सा उसमें फँसा, तो निकलना ना मुमकिन हो गया, फडफडा रहा है, इस जाल से मकातिबत की कोई सूरत उसके लिए नहीं बन पा रही है, पूरा का पूरा माफ़िया आलमी पैमाने पर मुसलामानों पर नज़र रखता है, कि वह इस्लामी गुलाम बने रहें ताकि हराम खोरों का राज क़ायम रहे.