सांख्याचार्यों के इस प्रकृति-कारण-वाद का महान् गुण यह है कि पृथक्-पृथक् धर्म वाले सत्वों, रजस् तथा तमस् तत्वों के आधार पर जगत् के वैषम्य का किया गया समाधान बड़ा न्याययुक्त तथा बुद्धिगम्य प्रतीत होता है।
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सांख्याचार्यों के इस प्रकृति-कारण-वाद का महान् गुण यह है कि पृथक्-पृथक् धर्म वाले सत्वों, रजस् तथा तमस् तत्वों के आधार पर जगत् के वैषम्य का किया गया समाधान बड़ा न्याययुक्त तथा बुद्धिगम्य प्रतीत होता है।
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सवाल-16 ; क्या आप धर्म को बुद्धिगम्य मानते है या श्रद्धागम्य? उत्तर: धर्म को पहले बुद्धिगम्य मानना होगा अगर आपकी बुद्धि को यह रास्ता समझ आगया तो श्रद्धा तो उसकी परिणीति है जो हो ही जायेगी.
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सवाल-16 ; क्या आप धर्म को बुद्धिगम्य मानते है या श्रद्धागम्य? उत्तर: धर्म को पहले बुद्धिगम्य मानना होगा अगर आपकी बुद्धि को यह रास्ता समझ आगया तो श्रद्धा तो उसकी परिणीति है जो हो ही जायेगी.
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यह सिद्धांत बिल्कुल सरल और बुद्धिगम्य है, पर अंधविश्वासी व्यक्ति इसको भूल जाते हैं और जो कोई इस तथ्य को समझना चाहता है, उसे वे ' धर्म-विरोधी ' ' नास्तिक ' ' पापी ' आदि कहने लगते हैं।
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, अब देखिये न कितनी सहज सरल प्रांजल भाषा में आपने उत्तर दिया है-और बात भी इसलिए सहज ही बुद्धिगम्य हो गयी-निश्चित ही सहज वृत्ति कई बाह्य उद्दीपनों से उद्वेलित सतत / संकलित अनुवर्ती प्रतिक्रियाओं का प्रस्फुटन है.
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परन्तु जैसा कि कहा गया है आधुनिक परिप्रेक्ष्य में इन समस्त प्रतिपादनों को बुद्धिगम्य बनाने एवं तर्क बुद्धि के गले उतारने के लिए एक ऐसे ही तंत्र की आवश्यकता थी, जैसे की ब्रह्मवर्चस् शोध संस्थान की प्रयोगशाला में स्थापित किया गया है।
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बुद्धिगम्य विवेचन-काफी दिनों बाद अंतर्जाल पर रामकथा पर एक मनभावन स्टफ! यह विचारणीय है की हजारो साल से यह धरती के एक बड़े भूभाग के लोगों के मन पर गहरा छाप बनाए हुए हैं! जबकि वेद-वेदान्त उड़नछू हो गए ….
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आराधना, यह महज औरतों की नियति नहीं है-हम्मे में से अधिकाँश यही विभीषिका झेल रहे हैं और इसी आपाधापी जीवन चुकता जा रहा है-आपकी कवितायेँ सहज सरल और आसानी से बुद्धिगम्य होती हैं और अपनी प्रभावोत्पाकता के कारण यादगार बन जाती हैं!
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तुलसी का इष्ट के प्रति विनीत आत्म-निवेदन गेय है, कबीर का बुद्धिगम्य तत्वनिदर्शन संगीत की मधुरता में बसा हुआ है, सूर के कृष्ण-जीवन का बिखरा इतिहास भी गीतमय है और मीरा की व्यथासिक्त पदावली तो सारे गीत-जगत् की सम्राज्ञी ही कहे जाने योग्य है।