यदि किसी रोगी को बराबर सर्दी-जुकाम होने के साथ चुभन व चीस मारता हुआ दर्द होता है तो उसे बैराइटा कार्बोनिका का सेवन करना चाहिए।
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बैराइटा कार्बोनिका औषधि विशेष रूप से उन बच्चों में लाभकारी होती है जिन बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास सही से न हो रहा हो।
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बैराइटा कार्बोनिका औषधि का प्रयोग अधोहनुगन्थियां (सबमेक्सीलंरी ग्लैंडस) और गले की ग्रन्थियां की सूजन को दूर करने के लिए किया जा सकता है।
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मासिक धर्म आने से पहले पेट में और कमर में दर्द होने तथा मासिक धर्म कम मात्रा में आने पर बैराइटा कार्बोनिका औषधि का सेवन करें।
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बच्चों के पक्षाघात में फास्फो, आर्स, बैराइटा, कैल्के-कार्ब आदि औषधियों में से कोई भी औषधि प्रयोग करना रोग के लिए लाभकारी होता है।
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सर्दी-जुकाम होना, नाक में खुश्की होना, छींके अधिक आना, ऊपर होंठ और नाक की सूजन आदि में बैराइटा कार्बोनिका औषधि का सेवन करना चाहिए।
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पुर: स्थ ग्रन्थि का बढ़ जाना तथा अण्डकोष कठोर हो जाना आदि पुरुष रोग में बैराइटा कार्बोनिका औषधि का सेवन करने से नपुंसकता व अन्य रोग समाप्त होता है।
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चेहरे पर मकड़ी का जाला अनुभव होना तथा ऊपर के होंठ में सूजन आ जाना आदि चेहरे के रोग को दूर करने के लिए बैराइटा कार्बोनिका का सेवन करना चाहिए।
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बैराइटा कार्बोनिका औषधि ग्रन्थियों की बनावट को प्रभावित करती है और सर्वांगीण अपजननात्मक परिवर्तनों विशेष रूप से धमनी की झिल्लियों, धमनी विस्फर (एन्युरीज्म) तथा बुढ़ापे में लाभकारी होता है।
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भोजन निगलने में परेशानी होना तथा भोजन करने के तुरन्त बाद ही तेज दर्द होना भूख लगने पर भी भोजन न करना आदि पेट रोग के लक्षणों में बैराइटा कार्बोनिका औषधि लाभकारी होती है।