| 31. | रक्त के संचय से भगोष्ठ, भगशिश्न, योनिमुख आदि की त्वचा में लालिमा आ जाती है।
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| 32. | रक्त के संचय से भगोष्ठ, भगशिश्न, योनिमुख आदि की त्वचा में लालिमा आ जाती है।
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| 33. | यह भगोष्ठ (vaginal lips) के उपर की ओर उभरा हुआ हिस्सा होता है.
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| 34. | यह भगोष्ठ (लेबिया) और लिंग के आधार के बीच अवरोधक का काम करता है।
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| 35. | भगोष्ठ, लघु भगोष्ठ और भगनासा अपने सामान्य आकार, रंग और रूप में आ जाते हैं।
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| 36. | भगोष्ठ, लघु भगोष्ठ और भगनासा अपने सामान्य आकार, रंग और रूप में आ जाते हैं।
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| 37. | नाभि ओर से स्त्री के जननांग की ओर बढ़ने पर पहले बृहद भगोष्ठ अर्थात आउटर लिप्स (
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| 38. | भगशिश्न तथा भगोष्ठ की दबाव और तापमान के प्रति संवेदना को बायोथीसियोमीटर नामक यंत्र द्वारा नापा है।
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| 39. | , जो सुकुमार और कोमल आंतरिक भगोष्ठ व भगशिश्न की सुरक्षा का आवरण प्रदान करता है.
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| 40. | रक्त के संचय से भगोष्ठ, भगशिश्न, योनिमुख आदि की त्वचा में लालिमा आ जाती है।
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